How Market Works

शेयर मार्केट में शेयर का भाव उतार चढ़ाव कैसे होता है?

शेयर की कीमत ऊपर नीचे होने पर कैसे काम करता है?


किसी भी शेयर की मांग ज्यादा हो और उस शेयर की आपूर्ति हो, तो वहां पर शेयर की कीमत बढ़ने लगती है, उसी के विपरीत अगर शेयर की भरमार  हो जाए और उसकी मांग ज्यादा ना हो तो वहां पर शेयर की कीमत में गिरावट आ जाती हैं। यह ठीक उसी प्रकार से काम करता है, जैसा कि सब्जी मंडी में सब्जी के मांग और आपूर्ति होने पर उसकी कीमत बढ़ती और घटती हैं। जैसा की  आप लोग देखे होंगे अभी महामारी के समय जब मार्केट पूरा निचे गिर रहा था और बाहर  दवाइयों की आपूर्ति हो गयी थी मतलब डिमांड बढ़ गयी थी जिससे फार्मा स्टॉक्स में काफी तेजी देखने को मिली थी , लेकिन अभी देख ले जब सब नार्मल हो गया तो डिमांड कम हो गई और फार्मा स्टॉक में गिरावट आ गयी 


यहां पर मैं आपको दो उदाहरण देकर बताऊंगा जहां पर एक शेयर से आधारित होगा और दूसरा दिनचर्या में उपयोग होने वाला सब्जी पर आधारित होगा।


सबसे पहले हम शेयर मार्केट पर आधारित शेयर पर उदाहरण लेते हैं, जैसा कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 1600 से ज्यादा कंपनी रजिस्टर्ड है, जहां पर कोई हम एक शेयर ले लेते हैं।


SBIN  का शेयर की कीमत 530 और  रिजल्ट घोषित करने वाला है, तो यहां पर अगर शेयर होल्डर को लगेगा की रिजल्ट बहुत ही अच्छा आएगा, जिससे SBIN को बहुत ज्यादा मुनाफा हो सकता हैं। तो यहां पर SBIN के शेयर  की मांग बढ़ जाएगी और आपूर्ति कम होगी। इस तरह से खरीदारी करने वाले लोग ज्यादा हो जाएंगे और बेचने वाले लोग कम हो जाएंगे तो यहां पर शेयर की कीमत बढ़ने लगेगी, क्योंकि यहां खरीदने वाले लोग ज्यादा है और उसकी तुलना में शेयर उतना ही है। उसी के विपरीत अगर SBIN के रिजल्ट में यह पता चले इसका रिजल्ट बेकार आने वाला है, तो वहां पर  शेयर बेचने वाले ज्यादा हो जाएंगे और खरीदारी करने वाले की मांग कम हो जाएगी, तो इस तरह से वहां पर शेयर में गिरावट आएगी। यहां पर शेयर की जो कीमत होती है वह खरीदने वाले और बेचने वाले पर आधारित होता हैं। खरीदने वाले लोग ज्यादा होंगे तो शेयर की कीमत बढ़ेगी, बेचने वाले लोग ज्यादा होंगे तो आप शेयर में गिरावट आएगी।


अगला उदाहरण हम सब्जी मंडी से आधारित किसी एक सब्जी पर लेते हैं,  जैसा कि सब्जी मंडी में टमाटर के भाव सर्दी के मौसम आने पर  टमाटर ज्यादा हो जाते हैं, और उसे खरीदने वाले कम होते हैं, तो कीमत में गिरावट आ जातीहैं। 5 से ₹10 किलो पर मिलता है, और जैसे ही गर्मी का मौसम आता है, तो वहां पर टमाटर की मांग ज्यादा होती है वहां पर उसकी कीमत बढ़ जाती हैं।



शेयर मार्केट पूरी तरह से ओपन होने के पहले Pre-Open होता हैं, जहां पर हम शेयर को खरीदने या हमारे पास होल्डिंग में पहले से हैं, तो उसे बेचने के लिए आर्डर लगा सकते हैं। जिस का निर्धारित समय सुबह 9:00 बजे से 9:08 तक होता हैं, उसके बाद 9:08 से 9:15 के बीच में ऑर्डर एग्जीक्यूशन का टाइम होता हैं, जहां पर अगर किसी ने ऑर्डर खरीदने के लिए या ऑर्डर  के लिए लगाया हैं, तो आर्डर मैच होने के बाद  प्रि-ओपन मार्केट में ही खरीदारी और बिकवाली हो जाती हैं। उसके बाद 9:15 से मार्केट पूरी तरह से ओपन हो जाता हैं, जहां पर हम इंट्राडे ट्रेड या उसके अलावा फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं, जो कि 3:00 बजे तक होता है 3:00 बजे के बाद इंट्राडे क्लोजिंग करने का समय हो जाता हैं। जिसमें सभी ब्रोकर में अलग-अलग समय निर्धारित किया गया हैं, जैसा कि ZERODHA में 3:22 मिनट में, UPSTOX में 3:18 मिनट में, ऐसा करके 3:25 के अंदर सभी इंट्राडे पोजीशन क्लोज हो जाते हैं, और 3:30 में हमारा मार्केट एनएसई और बीएसई बंद हो जाता है, और शाम 3:40 मिनट में जो भी आर्डर है कंप्लीट कर दिए जाते हैं, पेंडिंग ऑर्डर कैंसिल कर दिए जाते हैं। उसके बाद अगले दिन सुबह 9:00 बजे फिर से मार्केट की ओपनिंग होती हैं, और वही  और पिछले दिन की दिनचर्या के ऐसा ही चलता हैं, जहां पर शनिवार और रविवार की छुट्टी होती हैं। किसी प्रकार से त्यौहार होता हैं, वहां पर भी छुट्टी दी जाती हैं। 


पूरे 1 साल में दिवाली के समय पर शेयर मार्केट शाम को मुहूर्त ट्रेडिंग के नाम पर ओपन किया जाता है, जो कि सिर्फ 1 घंटे के लिए मार्केट खुला होता हैं।

जो कि मुहूर्त ट्रेडिंग का समय शाम 6:00 बजे प्रीओपन होता है, और 6:15 से मार्केट ट्रेडिंग के लिए ओपन किया जाता है जो कि शाम 7:15 तक चलता है, तो इस प्रकार से मार्केट की दिनचर्या होती है, ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट करने के लिए।


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