Table of Contents
- BULLISH STRATEGY:-
- LONG CALL
- BULL CALL SPREAD
- BULL PUT SPREAD
- CALL BUTTERFLY STRATEGY
- BEARISH STRATEGY:-
- 2.2 BEAR PUT SPREAD
- 2.3 BEAR CALL SPREAD
- 3. STRADDLE STRATEGY
- 4. STRANGLE STRATEGY
- 5. IRON CONDOR OPTION TRADING STRATEGY
अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी मालूम होना चाहिए, ताकि अपने प्रॉफिट को ज्यादा से ज्यादा बना पाए और होने वाले नुकसान को कम करें।
शेयर मार्केट में निफ़्टी बैंक, निफ़्टी, फिन निफ़्टी और स्टॉक ऑप्शन में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग किया जाता है, जहां पर ऑप्शन स्ट्रेटजी का उपयोग करके प्रॉफिट को और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है। वैसे तो बहुत से ऑप्शन स्ट्रेटजी है, लेकिन यहां पर ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले स्ट्रेटजी देखने वाले हैं।
मार्केट का ट्रेंड चार प्रकार से होता है, जिसमें ऑप्शन ट्रेडिंग भी मुख्य चार प्रकार की स्ट्रेटजी होती है।
तेजी का मार्केट (BULLISH MARKET)
मंदी का मार्केट (BEARISH MARKET)
अस्थिरता का मार्केट (VOLATILE MARKET)
स्थिर मार्केट (SIDEWAYS OR NEUTRAL MARKET)
मार्केट के स्थिति के अनुसार स्ट्रेटजी मुख्य चार प्रकार की होती हैं, इसके अलावा और भी स्ट्रेटजी है, सभी स्ट्रेटजी जी को एक-एक करके आसान भाषा में समझते हैं।
BULLISH STRATEGY
BEARISH STRATEGY
STRADDLE STRATEGY
STRANGLE STRATEGY
IRON CONDOR
COVERED CALL STRATEGY
आइए आसान भाषा में समझते हैं, ऊपर दिए गए ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी किस प्रकार से काम करता है और किस प्रकार से ऑप्शन ट्रेडिंग में उपयोग करना है।
BULLISH STRATEGY:-
जब मार्केट तेजी में होता है, तो BULLISH STRATEGY उपयोग की जाती है, जिसमें BULLISH STRATEGY को 4 प्रकार से उपयोग किया जाता है, जो कि नीचे दिए गए हैं।
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LONG CALL
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BULL CALL SPREAD
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BULL PUT SPREAD
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CALL BUTTERFLY STRATEGY
1.1 LONG CALL
लॉन्ग कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बहुत ही सरल और बहुत ही बेसिक स्ट्रेटजी (BASIC STRATEGY) है, जो सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। जब भी ट्रेडर को मार्केट में निफ्टी या बैंक निफ्टी में तेजी (BULLISH) दिखाई दे या किसी स्टॉक में तेजी (BULLISH) दिखाई दे, तो वहां पर उस इंडेक्स के कॉल ऑप्शन या स्टॉक के कॉल ऑप्शन में थोड़ा सा रिस्क लेकर बड़े मुनाफे के लिए सिर्फ कॉल ऑप्शन में खरीदारी की पोजीशन बनाई जा सकती है। इस प्रकार से बनाए हुए पोजीशन को लॉन्ग कॉल (LONG CALL) कहा जाता है।
उदाहरण के लिए निफ़्टी का इंडेक्स में तेजी आने वाली हो तो वहां पर निफ़्टी का एट द मनी कॉल ऑप्शन (AT THE MONEY CALL OPTION) में खरीदारी किया जा सकता है और कॉल ऑप्शन में अच्छा मुनाफा मिलने पर बेच दिया जाता है।
ट्रेड करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें।
जो भी इंडेक्स या स्टॉक में तेजी आने वाली है, उस का ही कॉल ऑप्शन में खरीददारी करना चाहिए।
कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन दोनों ही एक्सपायरी के हिसाब से ट्रेड होते हैं, जहां पर हमें एक्सपायरी का समय भी देखकर ट्रेड लेना होगा।
लॉन्ग कॉल ऑप्शन स्ट्रेटजी छोटा सा रिस्क और बड़े मुनाफे के लिए ट्रेड अच्छा होता है, लेकिन पोजीशन बनाने के लिए हमने जो पूरा प्रीमियम दिया हुआ है। वह हमारा कुल रिस्क होता है, जहां पर स्टॉप लॉस नहीं लगाने पर बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए जितना हमारा रिस्क है, उतना ही कैपिटल से लॉन्ग कॉल पोजीशन बनाना चाहिए।
लॉन्ग कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में खरीदारी करने के बाद इंडेक्स में तेजी नहीं आती है, तो भी हमें नुकसान होगा। लेकिन अगर इंडेक्स में गिरावट आ जाती है, तो मैं और भी ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए 70 से 80% सही रहने पर ही लॉन्ग कॉल ऑप्शन स्ट्रेटजी का उपयोग करना चाहिए।
मार्केट में तेजी आने के पहले उसके इंडेक्स या स्टॉक के एट द मनी ऑप्शन (AT THE MONEY OPTION) या तो इन द मनी ऑप्शन (IN THE MONEY OPTION) में ही खरीदारी करें और आउट द मनी ऑप्शन (OUT THE MONEY OPTION) ट्रेड करने से बचें, क्योंकि ज्यादा प्रॉफिट नहीं मिलता और ज्यादा तेजी ना हो तो नुकसान ही होता है।
आइए ऑप्शन चैन की सहायता से आसानी से समझते हैं और साथ ही साथ स्थिति भी देखते हैं, हमें किस प्रकार का मुनाफा मिल सकता है।
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है, निफ़्टी 17880 पर ट्रेड हो रहा है, एट द मनी ऑप्शन (AT THE MONEY OPTION) निफ़्टी 17850 का कॉल ऑप्शन की कीमत ₹100 है, आज की तारीख 10 फरवरी है और निफ़्टी इंडेक्स की एक्सपायरी की तारीख 16 फरवरी है, तो इस ऑप्शन को एक्सपायर होने के लिए 6 दिन का समय है। यहां पर हमारे लिए समय भी भरपूर मात्रा में है और साथ ही साथ ऑप्शन की कीमत भी ₹100 है।
NIFTY LOT SIZE 50 & PRICE 17850 CALL ₹100
TOTAL PREMIUM PAID (BUY POSITION)= 100×50= ₹5000
ज्यादा से ज्यादा नुकसान = ₹5000 अगर स्टॉप लॉस नहीं लगाया तब
ज्यादा से ज्यादा मुनाफा = अनगिनत मुनाफा कमाया जा सकता है, अगर मार्केट में तेजी बनी रही तो, या उसके पहले हमने जो टारगेट रखा हुआ है, वह मिलने पर भी मुनाफा कमा सकते हैं।
स्थिति-1 अगर मार्केट में तेजी देखने को मिलती है और मार्केट 17900 के लेवल से जितना ऊपर जाता जाएगा उतना ही हमें कॉल ऑप्शन में प्रॉफिट देखने को मिलेगा, अगर मार्केट 18000 के ऊपर निकल जाता है, तो कॉल ऑप्शन में 150 पॉइंट तक का प्रॉफिट देखने को मिलेगा। लेकिन अगर मार्केट उसी दिन ऊपर चला जाता है, जिस दिन हमने पोजीशन बनाई है तो हमारा प्रॉफिट और भी ज्यादा पॉइंट्स में होगी।
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 18200 के लेवल पर बंद होता है, तो 18200-17850=350 पॉइंट होगा, जहां पर हमारा कॉल ऑप्शन की कीमत ₹100 है, तो उसकी भी कीमत हम घटा देंगे 350-100=250 पॉइंट का कॉल ऑप्शन से मुनाफा होगा।
स्थिति-2 अगर मार्केट में मंदी देखने को मिलती है और मार्केट 17850 के नीचे जाता है, तब हमें कॉल ऑप्शन में नुकसान होना प्रारंभ हो जाएगा। अगर हमने स्टॉपलॉस नहीं लगाया और मार्केट नीचे ही जाता रहा तो, एक बड़ा नुकसान हो सकता है, जितना हमने खरीदारी किया है, उस पोजीशन में से।
उदाहरण के लिए अगर मार्केट एक्सपायरी में 17850 के नीचे बंद होता है, तो 17850 कॉल ऑप्शन में ₹5000 का ट्रेड लिया है, तो वह ट्रेड पूरी तरह से नुकसान हो जाएगा और एक्सपायरी में ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी। अगर हमने किसी प्रकार का स्टॉपलॉस नहीं लगाया, इसलिए लॉन्ग कॉल पोजीशन बनाने के लिए हम जितना रिस्क ले सकते हैं, उतना ही कैपिटल उपयोग करना चाहिए।
स्थिति-3 अगर मार्केट में ना ही तेजी देखने को मिलती है और ना ही मंदी देखने को मिलती है, जैसे हमने एनालिसिस के हिसाब से सोचा था, वैसा नहीं हुआ तब हमें नुकसान हो सकता है। जैसा कि होने वाला हमारा नुकसान पहले से ही अनुमानित है, कि जो हमने खरीदारी करने में पैसा लगाया है, वही नुकसान होगा। इसलिए यह स्ट्रेटजी में हमारे कुल कैपिटल का 10 से 15% ही उपयोग करना चाहिए।
उदाहरण के लिए अगर मार्केट के एक्सपायरी 17850 के आस पास होती है, तो कॉल की कीमत टाइम डीकेसी (TIME DECAY) के कारण धीरे-धीरे एक्सपायरी तक में उसकी कीमत कम हो जाएगी और हो सकता है उसकी कीमत ₹10-12 आ जाए।
(इसे और आसानी से समझने के लिए ऑप्शन ग्रीक्स जरूर पढ़िए जो मैंने बहुत अच्छे से समझाया हुआ है।)
लॉन्ग कॉल पोजीशन (LONG CALL POSITION) में स्टॉप लॉस और टारगेट क्या होना चाहिए? और कितने पैसों की जरूरत होगी?
लॉन्ग कॉल पोजीशन बनाने के लिए जिस भी ऑप्शन में खरीदारी करनी है, उसका लॉट साइज में उसकी वर्तमान कीमत कि गुना (MULTIPLY) कर देंगे और जो भी कीमत आएगी, वह उस पोजीशन को बनाने के लिए लगने वाले कुल कीमत होगी। उदाहरण के लिए जैसा कि ऊपर दिखाया गया है, निफ्टी 17850 का कॉल ऑप्शन की कीमत ₹100 है और निफ्टी की लॉट साइज 50 है। तो यहां पर कुल ₹100×50=₹5000 लगेगा, उसी प्रकार से बैंक निफ्टी में लॉट साइज 25 है और अलग-अलग स्टॉक में लॉट साइज और ऑप्शन की कीमत अलग-अलग हो सकती है।
ऑप्शन की कीमत में स्टॉप लॉस और टारगेट लगाने के लिए एकदम से निर्णय नहीं ले सकते हैं, क्योंकि मार्केट के चाल के ऊपर निर्भर करता है। मार्केट में ज्यादा तेजी ना हुई तो ऑप्शन में टाइम डीकेसी (TIME DECAY) के कारण उसकी कीमत कम हो जाएगी। इसलिए यह कीमत बिल्कुल भी निर्धारित नहीं है, फिर भी एक सामान्य स्टॉप लॉस और टारगेट रखने के लिए जो भी ऑप्शन में हम खरीदारी करेंगे, उस कीमत की लगभग 50% टारगेट होना चाहिए और 30% उसका स्टॉपलॉस होना चाहिए।
1.2 BULL CALL SPREAD
बुल कॉल स्प्रेड ( BULL CALL SPREAD) जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है की, बुल अर्थात मार्केट तेजी में हो और कॉल स्प्रेड अर्थात कॉल ऑप्शन को मिलाकर बनाया गया हो। यह स्ट्रेटजी दो कॉल ऑप्शन को मिलाकर बनाया जाता है, जिसमें इन द मनी ऑप्शन (IN THE MONEY OPTION) या एट द मनी ऑप्शन (AT THE MONEY OPTION) खरीदा जाता है और आउट द मनी ऑप्शन (OUT THE MONEY OPTION) बेचा जाता है। जिसे बुल कॉल स्प्रेड (BULL CALL SPREAD) बोलते हैं।
बुल कॉल स्प्रेड में ऐसा क्यों करते हैं और क्या फायदा होता है?
(इन द मनी ऑप्शन (IN THE MONEY OPTION) या एट द मनी ऑप्शन (AT THE MONEY OPTION) खरीदा जाता है और आउट द मनी ऑप्शन (OUT THE MONEY OPTION) बेचा जाता है।)
अगर कोई कॉल ऑप्शन में खरीदारी कर लेते हैं, और किसी कारणवश मार्केट में थोड़ी सी गिरावट आती है, तो इसका कीमत तेजी से घटने लगता है या हमने जो टारगेट सोचा है, वह टारगेट आज नहीं मिलता और दूसरे दिन के लिए इंतजार करते हैं, तब प्रीमियम प्राइस (PREMIUM DECAY) कम होती है, तो इससे होने वाले नुकसान को बचाने के लिए आउट द मनी ऑप्शन (OUT THE MONEY OPTION) को बेच देते हैं।
बुल कॉल स्प्रेड (BULL CALL SPREAD) कैसे बनाते हैं?
बुल कॉल स्प्रेड बनाने के लिए आइए संक्षिप्त रूप से समझते हैं, उदाहरण के लिए हम निफ्टी का ऑप्शन चैन और निफ्टी का इंडेक्स का कीमत की सहायता लेंगे।
अगर मुझे लगता है, मार्केट यहां से ऊपर जाने वाला है या तेजी हो सकता है, आज नहीं तो कल इसके लिए, मैं NIFTY 18050 CE का ऑप्शन Rs 140.50 में खरीदारी करूंगा और मुझे अगर ऐसा लगता है, कि मार्केट में थोड़ी सी गिरावट हो सकती है या कल मार्केट में पहले ज्यादा तेजी देखने को ना मिले जिसकी वजह से NIFTY 18050 CE इतना फायदा ना हो या थोड़ा सा नुकसान हो सकता है, तो इससे होने वाले नुकसान को बचाने के लिए मैं आउट द मनी ऑप्शन (OUT THE MONEY OPTION) 18150CE को ₹87 में बेच दूंगा। जिससे मुझे थोड़ा बहुत भी नुकसान होता है तो 18150CE से फायदा मिल जाएगा।
अगर निफ्टी में ज्यादा तेजी देखने को मिलती है, तो 18050 CALL कॉल ऑप्शन में ज्यादा तेजी देखने को मिलेगा, जिससे मैं प्रॉफिट में ही रहूंगा, लेकिन नुकसान होता है, तो 18150 का कॉल ऑप्शन होने वाले नुकसान से बचा लेगा।
NOTE:- बुल कॉल स्प्रेड बनाने के लिए पहले खरीदारी पोजीशन बनाते हैं, उसके बाद बिकवाली की पोजीशन बनाते हैं, लेकिन जब पोजीशन से बाहर निकलना होता है, तो बिकवाली वाली पोजीशन को पहले स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं, उसके बाद खरीदारी वाली पोजीशन को स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं।
बुल कॉल स्प्रेड (BULL CALL SPREAD) पोजीशन बनाने पर टारगेट और स्टॉपलॉस क्या रहेगा और कितने पैसों की जरूरत होगी?
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 18050 CALL ₹140.50
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 18150CALL ₹87.0
TOTAL PREMIUM = 140.50-87= 53.50 (MAXIMUM LOSS POINT)
STRIKE DIFFERENCE= 18050-18150 = 100 (MAXIMUM PROFIT POINT)
अगर निफ्टी 18150 के ऊपर एक्सपायरी के पहले बंद होता है तो ज्यादा से ज्यादा 100 पॉइंट का प्रॉफिट होगा लेकिन निफ़्टी अगर 18050 के नीचे बंद होता है तो ज्यादा से ज्यादा ₹53.50 पॉइंट का नुकसान होगा।
अगर निफ्टी 18050 पर ही बंद हो जाता है, तो 18050CE पर ₹140.50 का पूरा नुकसान होगा और 18150CE पर ₹87 का फायदा होगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा 53 50 पॉइंट का ही नुकसान होगा। लेकिन निफ्टी 18150 पर बंद होता है, तो 18150 किसी पर ₹140 जो हमने खरीदारी की है, उसकी कीमत उतनी ही रहेगी, लेकिन जो हमने 18150 का कॉल ऑप्शन पर बिकवाली की है, उसकी कीमत 0 हो जाएगी, तो वहां से हमें 87 पॉइंट का प्रॉफिट मिलेगा।
बुल कॉल स्प्रेड में होने वाला प्रॉफिट और होने वाला नुकसान दोनो ही पहले से अनुमानित होता है।
बुल कॉल स्प्रेड बनाने के लिए निफ़्टी और फिन निफ़्टी ऑप्शन में 30-35K का फंड उपयोग होता है, जबकि बैंक निफ़्टी ऑप्शन में 40-45K का फंड उपयोग होता है और स्ट्राइक की कीमत तथा एक्सपायरी में बचे हुए दिन पर भी निर्भर करता है, जो कि थोड़ा बहुत उपयोग होने वाला फंड कम ज्यादा होता रहता है।
1.3 BULL PUT SPREAD
बुल पुट स्प्रेड ( BULL PUT SPREAD) जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है की, बुल अर्थात मार्केट तेजी में हो और पुट स्प्रेड अर्थात पुट ऑप्शन को मिलाकर बनाया गया हो। यह स्ट्रेटजी दो पुट ऑप्शन (PUT OPTION) को मिलाकर बनाया जाता है, जिसमें थोड़ा सा इन द मनी ऑप्शन (IN THE MONEY OPTION) या एट द मनी ऑप्शन (AT THE MONEY OPTION) बेचा जाता है और आउट द मनी ऑप्शन (OUT THE MONEY OPTION) खरीदा जाता है, ताकि किसी प्रकार से मार्केट में गिरावट होती है, तो बड़े होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है, लेकिन मार्केट थोड़ा सा भी ऊपर जाता है, तब हमें ज्यादा मुनाफा देखने को मिलता है। तो इस प्रकार से बनाए हुए पोजीशन को बुल पुट स्प्रेड ( BULL PUT SPREAD) बोलते हैं।
बुल पुट स्प्रेड में ऐसा क्यों करते हैं और क्या फायदा होता है?
जब भी मार्केट में ऊपरी लेबल से गिरावट हो जाती है तथा मार्केट ऊपर जाने की स्थिति में होता है, लेकिन हमें कभी ऐसा भी एहसास होता है, कि मार्केट में ज्यादा तेजी देखने को नहीं मिलेगी, तो ऐसी स्थिति में हम बुल पुट स्प्रेड बनाकर शेयर मार्केट से प्रॉफिट बनाते हैं। जिसमें एट द मनी पुट ऑप्शन (AT THE MONEY PUT OPTION) या थोड़ा सा इन द मनी पुट ऑप्शन (IN THE MONEY PUT OPTION) को बेच देते हैं। लेकिन मार्केट में गिरावट की स्थिति बनी रहे तो हमें बड़ा नुकसान हो सकता है, इससे होने वाले नुकसान को बचाने के लिए आउट द मनी पुट ऑप्शन को खरीद लेते हैं, ताकि हमें नुकसान ज्यादा ना हो।
यह स्ट्रेटजी एक्सपायरी के एक दिन पहले एक्सपायरी के दिन उपयोग करते हैं तो ज्यादा फायदेमंद होता है, लेकिन अगर एक्सपायरी में ज्यादा दिन बाकी है तो ज्यादा फायदेमंद नहीं होता। अगर हमने कॉल ऑप्शन को बचा हुआ है, फायदा कमाने के लिए लेकिन फंड मार्जिन की आवश्यकता होती है, तो आउट द मनी पुट ऑप्शन (OUT THE MONEY PUT OPTION) को खरीद कर फंड मार्जिन को पूरा किया जा सकता है, इसलिए भी यह स्ट्रेटजी उपयोग किया जाता है।
बुल पुट स्प्रेड (BULL CALL SPREAD) कैसे बनाते हैं?
पुट स्प्रेड बनाने के लिए आइए संक्षिप्त रूप से समझते हैं, उदाहरण के लिए हम निफ्टी का ऑप्शन चैन और निफ्टी का इंडेक्स का कीमत की सहायता लेंगे।
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है कि NIFTY 18100 पर ट्रेड कर रहा है, जहां पर 18100 PUT OPTION एट द मनी है, और मार्केट एक्सपायरी के पहले 18100 के ऊपर बंद होगा। लेकिन मार्केट ज्यादा ऊपर भी नहीं जाएगा, तो 18100 PUT OPTION ₹105 में बेच दूंगा तथा आउट द मनी पुट ऑप्शन (OUT THE MONEY PUT OPTION) 18000 PUT खरीद लूंगा, ताकि मार्केट में गिरावट की स्थिति बने तो मुझे ज्यादा नुकसान ना हो। ऐसा करने पर मार्केट में तेजी होती है तो 18100 PUT OPTION की कीमत घटकर ₹1 या ₹2 हो जाएगी। यदि मार्केट में ज्यादा तेजी देखने को नहीं मिलेगा और मार्केट 18100 के ऊपर भी बंद होता है, तो भी 18100 PUT OPTION की कीमत बहुत कम रहेगी, जिससे हमें मुनाफा ही होगा।
NOTE:- बुल पुट स्प्रेड बनाने के लिए पहले खरीदारी पोजीशन बनाते हैं, उसके बाद बिकवाली की पोजीशन बनाते हैं, लेकिन जब पोजीशन से बाहर निकलना होता है, तो बिकवाली वाली पोजीशन को पहले स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं, उसके बाद खरीदारी वाली पोजीशन को स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं।
बुल पुट स्प्रेड (BULL PUT SPREAD) पोजीशन बनाने पर टारगेट और स्टॉपलॉस क्या रहेगा और कितने पैसों की जरूरत होगी?
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 17950 PUT ₹54
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 18100 PUT ₹105
TOTAL PREMIUM = 105-54= 51 (MAXIMUM PROFIT POINT)
STRIKE DIFFERENCE= 18100-17950 = 150 (MAXIMUM LOSS POINT)
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि NIFTY 18100 PUT OPTION ₹105 में बेच देंगे और NIFTY 17950 PUT OPTION ₹54 को खरीद लेंगे। जिसमें ज्यादा से ज्यादा 51 पॉइंट का ही मुनाफा होगा, लेकिन मार्केट हमारे अनुसार नहीं हुआ, तो 150 पॉइंट का नुकसान होगा। इसलिए बुल कॉल स्प्रेड, बुल पुट स्प्रेड से ज्यादा अच्छा होता है।
अगर निफ्टी 18100 के ऊपर बंद होता है, तो हमें 51 पॉइंट का मुनाफा होगा। लेकिन निफ़्टी 17950 के नीचे बंद होता है, तो 130 से 150 पॉइंट का नुकसान होगा, इस प्रकार से बुल पुट स्प्रेड काम करता है।
बुल पुट स्प्रेड (BULL PUT SPREAD) में होने वाला प्रॉफिट और होने वाला नुकसान दोनों ही पहले से अनुमानित होता है।
बुल पुट स्प्रेड (BULL PUT SPREAD) बनाने के लिए निफ़्टी और फिन निफ़्टी ऑप्शन में 35-40K का फंड उपयोग होता है, जबकि बैंक निफ़्टी ऑप्शन में 45-50K का फंड उपयोग होता है और स्ट्राइक की कीमत तथा एक्सपायरी में बचे हुए दिन पर भी निर्भर करता है, जो कि थोड़ा बहुत उपयोग होने वाला फंड कम ज्यादा होता रहता है।
1.4 LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY
लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY) कॉल ऑप्शन को मिलाकर बनाया जाता है। लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY) में पहली पोजीशन इन द मनी कॉल ऑप्शन को एक लॉट खरीदा जाता है, दूसरी पोजीशन एट द मनी ऑप्शन दो लॉट में बेचा जाता है और तीसरी पोजीशन आउट द मनी कॉल ऑप्शन एक लॉट खरीदा जाता है।
जिसमें मार्केट न्यूट्रल इस स्थिति में हो तो यह स्ट्रेटजी बहुत अच्छे से काम करती है, जिसमें मार्केट नीचे जाने के आसार ना हो लेकिन मार्केट में ज्यादा तेजी देखने की भी उम्मीद ना हो। लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY) में मुनाफा ज्यादा होने की उम्मीद होती है, उसकी तुलना में नुकसान कम होता है। यह स्ट्रेटजी वोलेटाइल मार्केट (VOLATILE MARKET) और मंदी मार्केट (BEARISH MARKET) के लिए बिल्कुल भी नहीं है, इसलिए मार्केट में सिर्फ थोड़ी सी तेजी दिखाई दे, तो यह स्ट्रेटजी आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY) कैसे बनाते हैं?
लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY) बनाने के लिए आपको 3 पोजीशन कॉल ऑप्शन में अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस में बनाना होगा। लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी बनाने के लिए आइए संक्षिप्त रूप से समझते हैं, उदाहरण के लिए हम निफ्टी का ऑप्शन चैन और निफ्टी का इंडेक्स का कीमत की सहायता लेंगे।
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है कि NIFTY 17900 पर ट्रेड कर रहा है, 17900 एट द मनी है, जहां पर हम यह सोच रहे हैं, कि निफ़्टी 17900 से 18000 तक के लेवल तक जा सकता है, जिसमें हमें लोंग कॉल बटरफ्लाई स्टार्ट जी बनाना है।
पहली पोजीशन में हम इन द मनी कॉल ऑप्शन एक लॉट खरीदेंगे, NIFTY 17800 CALL ₹229
दूसरी पोजीशन में हम एट द मनी कॉल ऑप्शन दो लॉट बेचेंगे NIFTY 17900 CALL ₹168
तीसरी पोजीशन में हम आउट द मनी कॉल ऑप्शन एक लॉट खरीदेंगे, NIFTY 18000 CALL ₹123
अब यहां पर हम तीनों पोजीशन का प्रीमियम की गणना कर लेते हैं।
(PAID PREMIUM) NIFTY 17800 CALL Rs 229 = 229*50= ₹11450
(RECEIVED PREMIUM) NIFTY 17900 CALL Rs 168 = 168*100= ₹16800
(PAID PREMIUM) NIFTY 18000 CALL Rs 123 = 123*50= ₹6150
कुल खरीदारी पोजीशन (NIFTY 17800 CALL +NIFTY 18000) 11450+6150= ₹17650
कुल बिकवाली पोजीशन 16800 (NIFTY 17900 CALL 2 LOT) = ₹16800
कुल प्रीमियम दिया गया = कुल खरीदारी पोजीशन- कुल बिकवाली पोजीशन
= 17650-16800=₹850
कुल प्रीमियम जो हमने दिया है, पोजीशन बनाने के लिए उसमें ज्यादा से ज्यादा ₹850 का ही नुकसान हो सकता है, अगर मार्केट में गिरावट हो जाती है या मार्केट में ज्यादा तेजी हो जाती है तो।
अब देख लेते हैं कि हमें प्रॉफिट कहां पर मिल सकता है, तो इसके लिए नीचे पर पे ऑफ ग्राफ (PAY OFF GRAPH) दिखाया गया है।
पे ऑफ ग्राफ (PAY OFF GRAPH) के अनुसार निफ़्टी एक्सपायरी के समय पर 18900 मतलब की आपने एट द मनी ऑप्शन को 2 लॉट शॉर्ट किया है, वहां पर मार्केट बंद होना चाहिए तभी आपको ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो पाएगा, क्योंकि एट द मनी कॉल ऑप्शन की कीमत भी जीरो हो जाएगी। जिससे एट द मनी ऑप्शन का पूरा पैसा हमें मिल जाएगा, लेकिन आउट द मनी ऑप्शन का पैसा हमें देना पड़ेगा, फिर भी हम ₹10000 पॉजिटिव में रहेंगे और इन द मनी ऑप्शन की कीमत भी 50% कम हो जाएगा, जिससे हम ₹5000 से ₹6000 मुनाफे में ही रहेंगे। तो इस प्रकार से थोड़ी सी तेजी मार्केट में लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी का उपयोग कर छोटे से नुकसान में बड़ा मुनाफा बनाया जा सकता है। जैसा इसमें ₹850 के नुकसान पर ₹5000 का मुनाफा है।
NOTE:- लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY) बनाने के लिए पहले खरीदारी पोजीशन बनाते हैं, उसके बाद बिकवाली की पोजीशन बनाते हैं, लेकिन जब पोजीशन से बाहर निकलना होता है, तो बिकवाली वाली पोजीशन को पहले स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं, उसके बाद खरीदारी वाली पोजीशन को स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं।
लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY) पोजीशन के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी?
लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रेटजी (LONG CALL BUTTERFLY STRATEGY) बनाने के लिए ₹35000 से ₹45000 तक पैसा लग सकता है, जैसा कि स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है।
BEARISH STRATEGY:-
जब मार्केट मंदी में होता है, तो BEARISH STRATEGY उपयोग की जाती है, जिसमें BEARISH STRATEGY को 3 प्रकार से उपयोग किया जाता है, जो कि नीचे दिए गए हैं।
1 LONG PUT
1 BEAR PUT SPREAD
2 BEAR CALL SPREAD
2.1 LONG PUT
लॉन्ग पुट ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (LONG PUT OPTION TRADING STRATEGY) बहुत ही सरल और बहुत ही बेसिक स्ट्रेटजी (BASIC STRATEGY) है, जो सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। जब भी ट्रेडर मार्केट में निफ्टी या बैंक निफ़्टी मंदी (BEARISH) दिखाई दे या किसी स्टॉक में मंदी (BEARISH) दिखाई दे, तो वहां पर उस इंडेक्स के पुट ऑप्शन या स्टॉक के पुट ऑप्शन में थोड़ा सा रिस्क लेकर बड़े मुनाफे के लिए सिर्फ पुट ऑप्शन (PUT OPTION) में खरीदारी की पोजीशन बनाई जा सकती है। इस प्रकार से बनाए हुए पोजीशन को लॉन्ग पुट कहा जाता है।
उदाहरण के लिए निफ़्टी का इंडेक्स में तेजी आने वाली हो तो वहां पर निफ़्टी का एट द मनी पुट ऑप्शन में खरीदारी किया जा सकता है और पुट ऑप्शन में अच्छा मुनाफा मिलने पर बेच दिया जाता है।
ट्रेड करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें।
1. जो भी इंडेक्स या स्टॉक में मंदी आने वाली है, उस का ही पुट ऑप्शन में खरीददारी करना चाहिए।
2. कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन दोनों ही एक्सपायरी के हिसाब से ट्रेड होते हैं, जहां पर हमें एक्सपायरी का समय भी देखकर ट्रेड लेना होगा।
3.लॉन्ग पुट ऑप्शन स्ट्रेटजी छोटा सा रिस्क और बड़े मुनाफे के लिए ट्रेड अच्छा होता है, लेकिन पोजीशन बनाने के लिए हमने जो पूरा प्रीमियम दिया हुआ है। वह हमारा कुल रिस्क होता है, जहां पर स्टॉप लॉस नहीं लगाने पर बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए जितना हमारा रिस्क है, उतना ही कैपिटल से लॉन्ग पुट पोजीशन बनाना चाहिए।
4. लॉन्ग पुट ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में खरीदारी करने के बाद इंडेक्स में मंदी नहीं आती है, तो भी हमें नुकसान होगा। लेकिन अगर इंडेक्स में तेजी आ जाती है, तो मैं और भी ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए 70 से 80% सही रहने पर ही लॉन्ग पुट ऑप्शन स्ट्रेटजी का उपयोग करना चाहिए।
5. मार्केट में मंदी आने के पहले उसके इंडेक्स या स्टॉक के एट द मनी ऑप्शन (AT THE MONEY OPTION) या तो इन द मनी ऑप्शन (IN THE MONEY OPTION) में ही खरीदारी करें और आउट द मनी ऑप्शन (OUT THE MONEY OPTION) ट्रेड करने से बचें क्योंकि ज्यादा प्रॉफिट नहीं मिलता और ज्यादा तेजी ना हो तो नुकसान ही होता है।
आइए ऑप्शन चैन की सहायता से आसानी से समझते हैं और साथ ही साथ स्थिति भी देखते हैं, हमें किस प्रकार का मुनाफा मिल सकता है।
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है निफ़्टी 17880 पर ट्रेड हो रहा है, एट द मनी ऑप्शन (AT THE MONEY OPTION) निफ़्टी 17900 का पुट ऑप्शन की कीमत ₹117 है, आज की तारीख 10 फरवरी है और निफ़्टी इंडेक्स की एक्सपायरी की तारीख 16 फरवरी है, तो इस ऑप्शन को एक्सपायर होने के लिए 6 दिन का समय है। यहां पर हमारे लिए समय भी भरपूर मात्रा में है और साथ ही साथ ऑप्शन की कीमत भी ₹117 है।
NIFTY LOT SIZE 50 & PRICE 17900PUT ₹117
TOTAL PREMIUM PAID (BUY POSITION)= 117×50= ₹5850
ज्यादा से ज्यादा नुकसान = ₹5850 अगर स्टॉप लॉस नहीं लगाया तब
ज्यादा से ज्यादा मुनाफा = अनगिनत मुनाफा कमाया जा सकता है, अगर मार्केट में तेजी बनी रही तो, या उसके पहले हमने जो टारगेट रखा हुआ है, वह मिलने पर भी मुनाफा कमा सकते हैं।
स्थिति-1 अगर मार्केट में मंदी देखने को मिलती है और मार्केट 17800 के लेवल से जितना नीचे जाता जाएगा, उतना ही हमें पुट ऑप्शन में प्रॉफिट देखने को मिलेगा, अगर मार्केट 17700 के नीचे निकल जाता है, तो पुट ऑप्शन में 200 पॉइंट तक का प्रॉफिट देखने को मिलेगा। लेकिन अगर मार्केट उसी दिन ऊपर चला जाता है, जिस दिन हमने पोजीशन बनाई है, तो हमारा प्रॉफिट और भी ज्यादा पॉइंट्स में होगी।
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 17600 के लेवल पर बंद होता है, तो 17900-17600=300 पॉइंट होगा, जहां पर हमारा पुट ऑप्शन की कीमत ₹117 है, तो उसकी भी कीमत हम घटा देंगे 300-117=183 पॉइंट का पुट ऑप्शन से मुनाफा होगा।
स्थिति-2 अगर मार्केट में तेजी देखने को मिलती है और मार्केट 17950 के ऊपर जाता है, तब हमें पुट ऑप्शन में नुकसान होना प्रारंभ हो जाएगा। अगर हमने स्टॉपलॉस नहीं लगाया और मार्केट ऊपर ही जाता रहा तो एक बड़ा नुकसान हो सकता है, जितना हमने खरीदारी किया है, उस पोजीशन में से।
उदाहरण के लिए अगर मार्केट के एक्सपायरी 17950 के नीचे बंद होता है, तो 17900 पुट ऑप्शन में ₹5850 का ट्रेड लिया है, तो वह ट्रेड पूरी तरह से नुकसान हो जाएगा और एक्सपायरी में ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी। अगर हमने किसी प्रकार का स्टॉपलॉस नहीं लगाया, इसलिए लॉन्ग कॉल पोजीशन बनाने के लिए हम जितना रिस्क ले सकते हैं, उतना ही कैपिटल उपयोग करना चाहिए।
स्थिति-3 अगर मार्केट में ना ही तेजी देखने को मिलती है और ना ही मंदी देखने को मिलती है, जैसे हमने एनालिसिस के हिसाब से सोचा था, वैसा नहीं हुआ तब हमें नुकसान हो सकता है। तो जैसा कि होने वाला हमारा नुकसान पहले से ही अनुमानित है, कि जो हमने खरीदारी करने में पैसा लगाया है, वह नुकसान होगा। इसलिए यह स्ट्रेटजी में हमारे कुल कैपिटल का 10 से 15% ही उपयोग करना चाहिए।
उदाहरण के लिए अगर मार्केट के एक्सपायरी 17950 के आस पास होती है, तो पुट ऑप्शन की कीमत टाइम डीकेसी (TIME DECAY) के कारण धीरे-धीरे एक्सपायरी तक में उसकी कीमत कम हो जाएगी और हो सकता है उसकी कीमत 10 ₹12 आ जाए।
(इसे और आसानी से समझने के लिए ऑप्शन ग्रीक्स जरूर पढ़िए जो मैंने बहुत अच्छे से समझाया हुआ है।)
लॉन्ग पुट पोजीशन (LONG PUT POSITION) में स्टॉप लॉस और टारगेट क्या होना चाहिए? और कितने पैसों की जरूरत होगी?
लॉन्ग पुट पोजीशन बनाने के लिए जिस भी ऑप्शन में खरीदारी करनी है, उसका लॉट साइज में उसकी वर्तमान कीमत कि गुना (MULTIPLY) कर देंगे और जो भी कीमत आएगी, वह उस पोजीशन को बनाने के लिए, लगने वाले कुल कीमत होगी। उदाहरण के लिए जैसा कि ऊपर दिखाया गया है, निफ्टी 17900 का पुट ऑप्शन की कीमत ₹117 है और निफ्टी की लॉट साइज 50 है। तो यहां पर कुल ₹117×50=₹5850 लगेगा, उसी प्रकार से बैंक निफ्टी में लॉट साइज 25 है और अलग-अलग स्टॉक में लॉट साइज और ऑप्शन की कीमत अलग-अलग हो सकती है।
ऑप्शन की कीमत में स्टॉप लॉस और टारगेट लगाने के लिए एकदम से निर्णय नहीं ले सकते हैं, क्योंकि मार्केट के चाल के ऊपर निर्भर करता है। मार्केट में ज्यादा तेजी ना हुई तो ऑप्शन में टाइम डीकेसी (TIME DECAY) के कारण उसकी कीमत कम हो जाएगी। इसलिए यह कीमत बिल्कुल भी निर्धारित नहीं है, फिर भी एक सामान्य स्टॉप लॉस और टारगेट रखने के लिए जो भी, ऑप्शन में हम खरीदारी करेंगे, उस कीमत की लगभग 50% टारगेट होना चाहिए और 30% उसका स्टॉपलॉस होना चाहिए।
2.2 BEAR PUT SPREAD
बियर पुट स्प्रेड (BEAR PUT SPREAD) जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, बियर (BEAR) मतलब मंदी का माहौल हो और पुट स्प्रेड मतलब दो पुट ऑप्शन को मिलाकर बनाया गया हो। बियर पुट स्प्रेड ऑप्शन स्ट्रेटजी के अंदर जब भी मार्केट मंदी (BEARISH) की स्थिति बने तो, इन द मनी (IN THE MONEY) या एट द मनी (AT THE MONEY) पुट ऑप्शन को खरीदा जाता है और आउट द मनी पुट (AT THE MONEY) ऑप्शन को बेच दिया जाता है। इस प्रकार से बनाए हुए पोजीशन को बियर पुट स्प्रेड ऑप्शन स्ट्रेटजी (BEAR PUT SPREAD OPTION TRADING STRATEGY ) बोला जाता है।
बियर पुट स्प्रेड (BEAR PUT SPREAD) बनाने के क्या फायदे हैं, और क्यों बनाया जाता है?
तो आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं, जब भी मार्केट में बिकवाली की स्थिति बनती है, जिसे शेयर मार्केट मंदी है बोला जाता है। तो ऐसी स्थिति में हम पुट ऑप्शन (PUT OPTION) में खरीदारी करते हैं, लेकिन मार्केट में अगर थोड़ी सी शॉर्ट कवरिंग (SHORT COVERING) बनती है या मार्केट में ज्यादा गिरावट नहीं होती है, तो ऐसी स्थिति में पुट ऑप्शन की प्रीमियम की वैल्यू, टाइम वैल्यू के कारण कम हो जाती है। जिससे हमारा नुकसान भी हो सकता है या तो ज्यादा प्रॉफिट देखने को नहीं मिल सकता है। इस तरह से होने वाले नुकसान को बचाने के लिए या सुरक्षा पूर्वक ट्रेड करने के लिए आउट द मनी पुट ऑप्शन (OUT THE MONEY PUT OPTION) को बेच दिया जाता है, जिससे होने वाले नुकसान को बचाया जा सके।
बियर पुट स्प्रेड (BEAR PUT SPREAD) कैसे बनाते हैं?
बियर पुट स्प्रेड बनाने के लिए हमें ऑप्शन चैन की सहायता लेनी होगी, जिसे हम आसानी से समझ पाए कि कौन सा स्ट्राइक हमें खरीदारी करना है और कौन से स्ट्राइक को हमें बिकवाली करनी है।
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है, निफ़्टी 17850 पर ट्रेड हो रहा है और मुझे लगता है की, मार्केट में यहां से मंदी देखने को मिल सकता है तो, मैं 17800 पुट ऑप्शन में खरीदारी कर लूंगा। अगर निफ्टी 17800 के नीचे एक्सपायरी के पहले बंद होता है, तो मुझे नुकसान नहीं होगा। लेकिन 17800PE की कीमत ₹103 है, जिससे निफ्टी को 17700 के नीचे बंद होने पर मुझे मुनाफा होगा, लेकिन निफ्टी अगर 17750 के आसपास बंद होता है, तो मुझे ₹50 से ₹55 का नुकसान हो सकता है। तो इससे होने वाले नुकसान को बचाने के लिए आउट द मनी पुट ऑप्शन (OUT THE MONEY PUT OPTION) को बेच दूंगा। तो यहां पर 17650 का पुट ऑप्शन की कीमत ₹58 है और निफ्टी 17650 के नीचे नहीं जाता है, तो मुझे पूरा ₹58 का मुनाफा हो जाएगा। जहां पर मैं 17800 के पुट ऑप्शन में होने वाले थोड़े बहुत नुकसान को 17650 के पुट ऑप्शन से मुनाफा कमा लूंगा।
बियर पुट स्प्रेड (BEAR PUT SPREAD) पोजीशन बनाने पर, टारगेट और स्टॉपलॉस क्या रहेगा और कितने पैसों की जरूरत होगी?
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 17800PUT ₹103
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 17650PUT ₹58
TOTAL PREMIUM = 103-58= 45 (MAXIMUM LOSS POINT)
STRIKE DIFFERENCE= 17800-17650 = 150 (MAXIMUM PROFIT POINT)
अगर निफ्टी 17600 के नीचे एक्सपायरी के पहले बंद होता है, तो ज्यादा से ज्यादा 150 पॉइंट का प्रॉफिट होगा। लेकिन निफ़्टी अगर 17800 के ऊपर बंद होता है, तो ज्यादा से ज्यादा 45 पॉइंट का नुकसान होगा।
अगर निफ्टी 17800 के आसपास भी बंद होता है, तो 17800 के पुट ऑप्शन में 103 पॉइंट का पूरा नुकसान होगा और 17650 के पुट ऑप्शन से ₹58 का फायदा होगा। तो इस प्रकार से होने वाला नुकसान 45 पॉइंट होगा, लेकिन निफ़्टी की एक्सपायरी 17650 के पास में होती है, तो 17800 का पुट ऑप्शन की कीमत ₹130-140 के आसपास होगी। जहां पर 30 से 40 पॉइंट का फायदा होगा और 17650 के पुट ऑप्शन की कीमत जीरो जाएगी, जहां पर ₹58 का और फायदा होगा, तो इस प्रकार से बियर पुट स्प्रेड में प्रॉफिट होता है।
बियर पुट स्प्रेड में होने वाला प्रॉफिट और होने वाला नुकसान दोनो ही पहले से अनुमानित होता है।
बियर पुट स्प्रेड बनाने के लिए निफ़्टी और फिन निफ़्टी ऑप्शन में ₹25-35K का फंड उपयोग होता है, जबकि बैंक निफ़्टी ऑप्शन में ₹30-45K का फंड उपयोग होता है और स्ट्राइक की कीमत तथा एक्सपायरी में बचे हुए दिन पर भी निर्भर करता है, जो कि थोड़ा बहुत उपयोग होने वाला फंड कम ज्यादा होता रहता है।
NOTE:- बियर पुट स्प्रेड (BEAR PUT SPREAD) बनाने के लिए पहले खरीदारी पोजीशन बनाते हैं, उसके बाद बिकवाली की पोजीशन बनाते हैं, लेकिन जब पोजीशन से बाहर निकलना होता है, तो बिकवाली वाली पोजीशन को पहले स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं, उसके बाद खरीदारी वाली पोजीशन को स्क्वायर ऑफ (SQUARE OFF) करते हैं।
2.3 BEAR CALL SPREAD
बियर कॉल स्प्रेड (BEAR CALL SPREAD) जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, बियर मतलब मार्केट मंदी के माहौल में हो कॉल स्प्रेड मतलब दो कॉल ऑप्शन को मिलाकर बनाया गया स्ट्रेटजी बियर कॉल स्प्रेड कहां जाता है। बियर कॉल स्प्रेड ऑप्शन स्ट्रेटजी के अंदर एट द मनी कॉल ऑप्शन (AT THE MONEY CALL OPTION) को बेचा जाता है और आउट द मनी कॉल ऑप्शन (OUT THE MONEY CALL OPTION) को खरीदा जाता है। अगर मार्केट में किसी प्रकार से शार्ट कवरिंग (SHORT COVERING) की स्थिति मतलब मार्केट में तेजी की स्थिति बन गई तो होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
बियर कॉल स्प्रेड ऑप्शन स्ट्रेटजी के अंदर निफ़्टी मंदी की स्थिति में भी नीचे नहीं जाता है, लेकिन ऊपर भी नहीं जा पाता तो भी ऐसी स्थिति में बियर कॉल स्प्रेड ऑप्शन स्ट्रेटजी के अंदर प्रॉफिट बनाया जाता है या मार्केट में किसी प्रकार का परिवर्तन न हो रहा हो तो भी टाइम वैल्यू का फायदा उठाकर प्रॉफिट बनाया जाता है। जहां पर एक्सपायरी आने तक ऑप्शन प्रीमियम की कीमत कम हो जाती है। लेकिन बियर पुट स्प्रेड बियर कॉल स्प्रेड से ज्यादा फायदेमंद होता है।
यह स्ट्रेटजी एक्सपायरी के एक दिन पहले एक्सपायरी के दिन उपयोग करते हैं, तो ज्यादा फायदेमंद होता है, लेकिन अगर एक्सपायरी में ज्यादा दिन बाकी है तो ज्यादा फायदेमंद नहीं होता। अगर हमने कॉल ऑप्शन को बेचा (SHORT SELLING) हुआ है, फायदा कमाने के लिए लेकिन फंड मार्जिन की आवश्यकता होती है, तो आउट द मनी कॉल ऑप्शन (OUT THE MONEY CALL OPTION) को खरीद कर फंड मार्जिन को पूरा किया जा सकता है, इसलिए भी यह स्ट्रेटजी उपयोग किया जाता है।
बियर कॉल स्प्रेड (BEAR CALL SPREAD) कैसे बनाते हैं?
इसे और आसान भाषा में समझने के लिए ऑप्शन चैन देखते हैं, जहां पर हम आसानी से आकलन कर पाए। जैसा कि ऑप्शन चैन में निफ्टी 17850 पर ट्रेड हो रहा है और 17900 कॉल ऑप्शन थोड़ा सा आउट द मनी है, जहां पर मैं मार्केट में मंदी का सोच रहा हूं, लेकिन मार्केट में गिरावट बहुत ही धीरे होगी, ऐसी स्थिति में मैं 17900 का कॉल ऑप्शन ₹81 में बेच दूंगा। लेकिन अगर मार्केट में तेजी बनती है, तो मुझे नुकसान हो सकता है, तो इस नुकसान को बचाने के लिए आउट द मनी कॉल ऑप्शन (OUT THE MONEY CALL OPTION) 18050 ₹32 में खरीदारी कर लूंगा। जिससे बड़ी तेजी आती है, तो भी मुझे होने वाले नुकसान से बचा जा सके और साथ ही साथ 17900 के कॉल ऑप्शन को बेचने पर ₹100000 का मार्जिन लगेगा, वह मार्जिन भी कम किया जा सके।
बियर कॉल स्प्रेड (BEAR CALL SPREAD) पोजीशन बनाने पर, टारगेट और स्टॉपलॉस क्या रहेगा और कितने पैसों की जरूरत होगी?
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 18050 CALL @32
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 17900 CALL @81
TOTAL PREMIUM = 81-32= 49 (MAXIMUM PROFIT POINT)
STRIKE DIFFERENCE= 18050-17900 = 150 (MAXIMUM LOSS POINT)
जैसा कि ऊपर बताया गया है, कि NIFTY 17900 CALL OPTION Rs ₹81 में बेच देंगे और NIFTY 18050 CALL OPTION ₹32 को खरीद लेंगे। जिसमें ज्यादा से ज्यादा 49 पॉइंट का ही मुनाफा होगा, लेकिन मार्केट हमारे अनुसार नहीं हुआ, तो 150 पॉइंट का नुकसान होगा। इसलिए बियर पुट स्प्रेड, बियर कॉल स्प्रेड, से ज्यादा अच्छा होता है।
अगर निफ्टी 17900 में भी बंद होगा तो भी हमें प्रॉफिट मिलेगा, क्योंकि 17900 और 18050 दोनों ही कॉल ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी और हमने बिकवाली किया है, तो प्रॉफिट होगा। लेकिन निफ्टी 17950 के ऊपर बंद होगा तो हमें नुकसान होगा। क्योंकि 17900 के कॉल ऑप्शन में बिकवाली किया है, उसकी प्रीमियम की कीमत बनी रहेगी, लेकिन 18050 के कॉल ऑप्शन की प्रीमियम शून्य हो जाएगी।
अगर निफ्टी 17900 के नीचे बंद होता है, तो हमें ज्यादा से ज्यादा 49 पॉइंट का मुनाफा होगा, लेकिन निफ़्टी 18050 के ऊपर बंद होता है, तो ज्यादा से ज्यादा 130 से 150 पॉइंट का नुकसान होगा इस प्रकार से बियर कॉल स्प्रेड काम करता है।
बियर कॉल स्प्रेड (BEAR CALL SPREAD) में होने वाला प्रॉफिट और होने वाला नुकसान दोनों ही पहले से अनुमानित होता है।
बियर कॉल स्प्रेड (BEAR CALL SPREAD) बनाने के लिए निफ़्टी और फिन निफ़्टी ऑप्शन में ₹35-40K का फंड उपयोग होता है, जबकि बैंक निफ़्टी ऑप्शन में ₹45-50K का फंड उपयोग होता है और स्ट्राइक की कीमत तथा एक्सपायरी में बचे हुए दिन पर भी निर्भर करता है, जो कि थोड़ा बहुत उपयोग होने वाला फंड कम ज्यादा होता रहता है।
3. STRADDLE STRATEGY
स्ट्रैडल स्ट्रेटजी निफ़्टी, बैंक निफ़्टी और फिन निफ़्टी वीकली एक्सपायरी (WEEKLY EXPIRY) ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है, स्ट्रैडल स्ट्रेटजी दो प्रकार की होती है। एक लॉन्ग स्ट्रैडल (LONG STRADDLE) बोला जाता है, जिसमें एक ही कीमत वाली कॉल और पुट ऑप्शन को एक साथ खरीदारी किया जाता है, जब मार्केट दिशाहीन हो और ज्यादा वोलेटाइल हो। दूसरा शॉर्ट स्ट्रैडल (SHORT STRADDLE) जिसमें एक ही कीमत वाली कॉल और पुट ऑप्शन को बिकवाली किया जाता है, जब मार्केट में तेजी और मंदी ना हो थोड़े-थोड़े पॉइंट में मार्केट ऊपर नीचे हो रहा हो, तब वह ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन मार्केट में अचानक से तेजी या मंदी आ जाए तो नुकसानदायक भी होता है। यह स्ट्रेटजी में लॉन्ग स्ट्रैडल, शॉर्ट स्ट्रैडल की अपेक्षा ज्यादा फायदेमंद होता है।
आइए दोनों ही स्ट्रेटजी को आसान भाषा में समझते हैं।
3.1 LONG STRADDLE STRATEGY
लॉन्ग स्ट्रैडल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी वोलेटाइल मार्केट (VOLATILE MARKET) में, मार्केट की दिशा निश्चित (NON-DIRECTIONAL) ना हो, कि मार्केट ऊपर जाने वाला है या मार्केट नीचे जाने वाला है, और मार्केट किसी भी समाचार की वजह से ज्यादा ही ऊपर जा सकता है या ज्यादा ही नीचे जा सकता है, तो ऐसी स्थिति में लॉन्ग स्ट्रैडल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (LONG STRADDLE OPTION TRADING STRATEGY) का उपयोग किया जाता है।
लॉन्ग स्ट्रैडल बनाने के लिए यह बातें जरूर याद रखें।
1 यह स्ट्रेटजी तभी उपयोग करना है जब मार्केट में कुछ उथल-पुथल होने वाला हो जिसे हमें यह ज्ञात ना हो कि मार्केट ऊपर जा सकता है या मार्केट नीचे जा सकता है।
2 दो ऑप्शन में से एक कॉल (CE) ऑप्शन और एक पुट(PE) ऑप्शन होता है, जिसमें दोनों में खरीदारी करनी है।
3 दोनों ही ऑप्शन की एक्सपायरी एक ही होना चाहिए।
4 दोनों ही ऑप्शन निफ्टी है तो निफ्टी का, अगर बैंक निफ़्टी का है तो बैंक निफ़्टी का ही होना चाहिए।
5 दोनों ही ऑप्शन की कीमत लगभग एक बराबर होना चाहिए।
आइए ऑप्शन चैन की सहायता से समझते हैं, कौन सा स्ट्राइक में खरीदारी करना है और कितनी कीमत होनी चाहिए?
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है, निफ्टी का स्ट्राइक है जिसमें 17750 के आसपास निफ़्टी ट्रेंड कर रहा है, जिसे हम एट द मनी (AT THE MONEY) ऑप्शन बोलेंगे, जिसमें 17750 कॉल और पुट ऑप्शन की कीमत लगभग एक बराबर है और एक्सपायरी भी दोनों की 9th फरवरी 2023 है। यहां पर 17750 के कॉल ऑप्शन की कीमत ₹106.75 और 17750 के पुट ऑप्शन की कीमत ₹101 है। दोनों ही कॉल और पुट ऑप्शन को एक साथ खरीददारी की पोजीशन बनानी है।
अब यहां पर मार्केट में तेजी या मंदी आती है तो मार्केट की चाल ज्यादा होनी चाहिए, ताकि किसी एक ऑप्शन, कॉल हो या पुट ऑप्शन है। इसमें प्रॉफिट जल्दी से देखने के लिए मिलेगा, अगर मार्केट 100 से 200 पॉइंट आसानी से ऊपर या नीचे किसी भी दिशा में चला जाता है, तो हमें किसी एक ऑप्शन में प्रॉफिट ज्यादा देखने को मिलेगा और लॉस कम होंगे। लेकिन अगर मार्केट में 300 से 400 पॉइंट का मूवमेंट होता है, तो प्रॉफिट हमें और ज्यादा देखने को मिलेगा लॉन्ग स्ट्रैडल ऑप्शन ट्रेडिंग में जो हमने ऑप्शन को खरीदने में पैसे दिए हैं, वही हमारा ज्यादा से ज्यादा लॉस होगा लेकिन प्रॉफिट होने की कोई सीमा नहीं है।
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 17750 CALL @106.75
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 17750 PUT @101
TOTAL PREMIUM = 106.75+101= 207.75 (MAXIMUM LOSS POINT)
MAX PROFIT UNLIMITED
स्थिति-1 अगर मार्केट में तेजी देखने को मिलती है और मार्केट 17750 के लेवल से जितना ऊपर जाता जाएगा उतना ही हमें कॉल ऑप्शन में प्रॉफिट देखने को मिलेगा, अगर मार्केट 18000 के ऊपर निकल जाता है, तो कॉल ऑप्शन में 150 पॉइंट तक का प्रॉफिट देखने को मिलेगा। लेकिन पुट ऑप्शन में हमें नुकसान होगा, अगर मार्केट उसी दिन ऊपर चला जाता है, जिस दिन हमने पोजीशन बनाई है, तो हमारा प्रॉफिट और भी ज्यादा पॉइंट्स में होगी।
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 18200 के लेवल पर बंद होता है, तो 18200-17750=450 पॉइंट होगा, जहां पर हमारा कॉल ऑप्शन की कीमत ₹106 है, तो उसकी भी कीमत हम घटा देंगे 450-106=344 पॉइंट का कॉल ऑप्शन से मुनाफा होगा। लेकिन पुट ऑप्शन की कीमत पूरा ₹0 हो जाएगा, जिससे हम पूरा ₹101 गवा देंगे, तो इसे भी हमें मुनाफे में से घटा देंगे 344-101=233 अब हमें कुल 233 पॉइंट का मुनाफा होगा।
स्थिति-2 अगर मार्केट में मंदी देखने को मिलती है और मार्केट 17750 के नीचे जाता है, तो उतना ही हमें पुट ऑप्शन में प्रॉफिट देखने को मिलेगा। अगर मार्केट 17500 के नीचे निकल जाता है, तो पुट ऑप्शन में 150 पॉइंट का प्रॉफिट देखने को मिलेगा, लेकिन कॉल ऑप्शन में हमें नुकसान होगा। अगर मार्केट उसी दिन नीचे चला जाता है, जिस दिन हमने पोजीशन बनाई है, तो हमारा प्रॉफिट और ज्यादा भी पॉइंट्स में होंगी।
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 17300 के लेवल पर बंद होता है, तो 17750-18350=400 पॉइंट्स होगा। जहां पर हमारा पुट ऑप्शन की कीमत ₹101 है, तो इसकी कीमत घटा देंगे 400-101=299 और कॉल ऑप्शन भी हमने खरीदारी की है, जिसकी कीमत ₹0 हो जाएगी, तो यह कीमत भी 299 में से घटा देंगे, 299-106=193 तो हमें कुल 193 पॉइंट का मुनाफा होगा।
स्थिति-3 अगर मार्केट में ना ही तेजी देखने को मिलती है और ना ही मंदी देखने को मिलती है, जैसे हमने एनालिसिस के हिसाब से सोचा था, वैसा नहीं हुआ तब के केस में हमें नुकसान हो सकता है। तो जैसा कि होने वाला हमारा नुकसान पहले से ही अनुमानित है, कि जो हमने खरीदारी करने में पैसा लगाया है, वह नुकसान होगा। इसलिए यह स्ट्रेटजी में हमारे कुल कैपिटल का 10 से 15% ही उपयोग करना चाहिए।
उदाहरण के लिए अगर मार्केट के एक्सपायरी 17750 के आस पास होती है, तो कॉल और पुट दोनों ही ऑप्शन की कीमत ₹0 के आस-पास हो जाएगी।
अगर मार्केट की एक्सपायरी 17850 के आसपास होती है, तो कॉल ऑप्शन की कीमत ₹90 से ₹100 होगी। जितने में हमने खरीददारी किया है, तो यह पोजीशन हमारा नुकसान में नहीं रहेगा, लेकिन पुट ऑप्शन की कीमत ₹0 हो जाएगी, तो यह पूरा ₹100 नुकसान जाएगा।
अगर मार्केट की एक्सपायरी 17650 के आसपास होती है, तो पुट ऑप्शन की कीमत ₹90 से ₹100 होगी। जिसे मैंने खरीददारी किया है, तो यह पोजीशन हमारा नुकसान नहीं जाएगा, लेकिन कॉल ऑप्शन की कीमत ₹0 हो जाएगी, तो यह पूरा ₹106 नुकसान जाएगा।
(इसे और आसानी से समझने के लिए ऑप्शन ग्रीक्स जरूर पढ़िए जो मैंने बहुत अच्छे से समझाया हुआ है।)
3.2 SHORT STRADDLE STRATEGY
जब मार्केट में बिल्कुल भी गति ना हो और मार्केट की चाल बहुत ही धीरे हो, तो ऐसी स्थिति में शॉर्ट स्ट्रैडल ऑप्शन स्ट्रेटजी (SHORT STRADDLE OPTION STRATEGY) का उपयोग किया जाता है, जहां पर एक कॉल ऑप्शन और एक पुट ऑप्शन दोनों ही एक समान कीमत वाली स्ट्राइक को एक साथ बेच दिया जाता है। मार्केट में चाल ना होने की वजह से टाइम डीके (TIME DECAY) का फायदा मिलता है, जिससे दोनों ही ऑप्शन की कीमत धीरे-धीरे कम हो जाती है, और जितना ही कम होगा उतना ही ऑप्शन में बिकवाली करने वाले को फायदा मिलता है। इस तरह से बनाई गई पोजीशन को शॉर्ट स्ट्रैडल ऑप्शन स्ट्रेटजी (SHORT STRADDLE OPTION STRATEGY) कहा जाता है।
शॉर्ट स्ट्रैडल बनाने के लिए यह बातें जरूर याद रखें।
1 यह स्ट्रेटजी तभी उपयोग करना है, जब मार्केट में स्थिरता हो जहां पर ना तेजी देखने को मिले और ना ही मंदी देखने को मिले और मार्केट एक ही रेंज में घूमता हुआ दिखाई दे।
2 दो ऑप्शन में से एक कॉल (CE) ऑप्शन और एक पुट(PE) ऑप्शन होता है, जिसमें दोनों में बिकवाली करनी है।
3 दोनों ही ऑप्शन की एक्सपायरी एक ही होना चाहिए।
4 दोनों ही ऑप्शन निफ्टी है, तो निफ्टी का, अगर बैंक निफ़्टी का है, तो बैंक निफ़्टी का ही होना चाहिए।
5 दोनों ही ऑप्शन की कीमत लगभग एक बराबर होना चाहिए।
आइए ऑप्शन चैन की सहायता से आसान भाषा में समझते हैं।
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है, निफ़्टी इंडेक्स का स्ट्राइक है। जहां पर निफ्टी 17750 के आसपास बंद हुआ है, जिसमें 17750 का लेवल एट द मनी है, जिसके कॉल और पुट ऑप्शन की कीमत लगभग एक समान है, जिसमें हमें बिकवाली करनी है।
NIFTY 17750 कॉल ऑप्शन की कीमत ₹106 है और NIFTY 17750 पुट ऑप्शन की कीमत ₹101 हैं।
अगर यहां पर दोनों ही कॉल ऑप्शन को एक साथ बिकवाली कर दिया जाता है, तो यहां पर होने वाला प्रॉफिट लिमिटेड होता है। जो हमने निफ़्टी ऑप्शन की प्रीमियम में बिकवाली की है, वही हमारा ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है। लेकिन अगर मार्केट में अचानक से तेजी या मंदी आ गई तो हमारा होने वाला नुकसान, उससे कहीं ज्यादा हो सकता है, मतलब होने वाला नुकसान अनलिमिटेड होता है, यदि हमने स्टॉप लॉस नहीं लगाया तो।
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 17750 CALL @106.75
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 17750 PUT @101
TOTAL RECEIVED PREMIUM = 106.75+101= 207.75
TOTAL PROFIT 207.75 POINT * (LOT SIZE 50)= 10387.50
TOTAL LOSS =UNLIMITED (अगर स्टॉपलॉस नहीं लगाया तो)
स्थिति-1 अगर मार्केट में तेजी देखने को मिलती है और मार्केट 17750 के लेवल से जितना ऊपर जाता जाएगा, उतना ही हमें कॉल ऑप्शन में नुकसान देखने को मिलेगा, अगर मार्केट 18000 के ऊपर निकल जाता है तो कॉल ऑप्शन में 150 पॉइंट तक का नुकसान देखने को मिलेगा, लेकिन पुट ऑप्शन में हमें मुनाफा होगा। अगर मार्केट उसी दिन ऊपर चला जाता है, जिस दिन हमने पोजीशन बनाई है, तो हमारा नुकसान और ज्यादा भी पॉइंट्स में होंगी, यदि हमने स्टॉपलॉस नहीं लगाया तो, इसलिए स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही जरूरी है।
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 18200 के लेवल पर बंद होता है, तो 18200-17750=450 पॉइंट होगा, जहां पर हमारा कॉल ऑप्शन की कीमत ₹106 है, तो उसकी भी कीमत हम घटा देंगे 450-106=344 पॉइंट का कॉल ऑप्शन से नुकसान होगा। लेकिन पुट ऑप्शन की कीमत पूरा ₹0 हो जाएगा, जिससे हम पूरा ₹101 फायदा होगा, तो इसे भी हमें नुकसान में से घटा देंगे 344-101=233 अब हमें कुल 233 पॉइंट का नुकसान होगा।
स्थिति-2 अगर मार्केट में मंदी देखने को मिलती है और मार्केट 17750 के नीचे जाता है, तो उतना ही हमें पुट ऑप्शन में नुकसान देखने को मिलेगा। अगर मार्केट 17500 के नीचे निकल जाता है, तो पुट ऑप्शन में 150 पॉइंट का नुकसान देखने को मिलेगा, लेकिन कॉल ऑप्शन में हमें मुनाफा होगा। लेकिन अगर मार्केट उसी दिन नीचे चला जाता है, जिस दिन हमने पोजीशन बनाई है, तो हमारा नुकसान और ज्यादा भी पॉइंट्स में होंगी, यदि हमने स्टॉपलॉस नहीं लगाया तो, इसलिए स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही जरूरी है।
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 17300 के लेवल पर बंद होता है, तो 17750-18350=400 पॉइंट्स होगा। जहां पर हमारा पुट ऑप्शन की कीमत 101 है, तो इसकी कीमत घटा देंगे 400-101=299 और कॉल ऑप्शन भी हमने खरीदारी की है, जिसकी कीमत ₹0 हो जाएगी, तो यह कीमत भी 299 में से घटा देंगे, 299-106=193 तो हमें कुल 193 पॉइंट का नुकसान होगा।
स्थिति-3 अगर मार्केट में तेजी देखने को नहीं मिलती है और ना ही मंदी देखने को मिलती है, जैसे कि हमने एनालिसिस के हिसाब से सोचा था, वैसा ही हुआ तब के केस में हमें ज्यादा फायदा होगा। तो जैसा कि होने वाला हमारा फायदा पहले से ही अनुमानित है, जो हमने बिकवाली करने में पैसा लगाया है, वही फायदा होगा। इसलिए यह स्ट्रेटजी मार्केट में तेजी या मंदी ना हो या तो वीकली एक्सपायरी का दिन हो तभी उपयोग करना चाहिए।
उदाहरण के लिए अगर मार्केट के एक्सपायरी 17750 के आस पास होती है, तो कॉल और पुट दोनों ही ऑप्शन की कीमत ₹0 के आस-पास हो जाएगी।
अगर मार्केट की एक्सपायरी 17850 के आसपास होती है, तो कॉल ऑप्शन की कीमत ₹90 से ₹100 होगी। जितने में हमने बिकवाली किया है, तो यह पोजीशन हमारा थोड़ा बहुत फायदे में रहेगा, लेकिन पुट ऑप्शन की कीमत ₹0 हो जाएगी, तो यह पूरा ₹100 का फायदा हो जाएगा।
अगर मार्केट की एक्सपायरी 17650 के आसपास होती है, तो पुट ऑप्शन की कीमत ₹90 से ₹100 होगी। जितने मैंने बिकवाली किया है, तो यह पोजीशन हमारा थोड़ा बहुत फायदे में रहेगा, लेकिन कॉल ऑप्शन की कीमत ₹0 हो जाएगी, तो यह पूरा ₹106 का फायदा हो जाएगा।
(इसे और आसानी से समझने के लिए ऑप्शन ग्रीक्स जरूर पढ़िए जो मैंने बहुत अच्छे से समझाया हुआ है।)
शॉर्ट स्ट्रैडल पोजीशन (SHORT STRADDLE) बनाने के लिए कितने कैपिटल की जरूरत होगी?
उदाहरण के लिए अगर आपने एक लॉट कॉल ऑप्शन को बिकवाली किया है, तो ₹100000 की जरूरत होगी लेकिन जब पुट ऑप्शन को बिकवाली करेंगे तो सिर्फ ₹10000-20000 की जरूरत होगी, तो कुल यहां पर एक लॉट कॉल और पुट ऑप्शन के लिए ₹110000-120000 की जरूरत होगी।
4. STRANGLE STRATEGY
स्टैंजल स्ट्रेटजी (STRANGLE STRATEGY) में ऑप्शन खरीदारी और ऑप्शन बिकवाली दोनों में ही उपयोग किया जाता है। लेकिन ऑप्शन बिकवाली में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है और सबसे ज्यादा मुनाफे वाला भी होता है। स्टैंजल स्ट्रेटजी, आउट द मनी (OUT THE MONEY) ऑप्शन को खरीदा जाता है या तो बेचा जाता है। स्टैंजल स्ट्रेटजी (STRANGLE STRATEGY) दो प्रकार की होती है, एक लॉन्ग स्टैंजल स्ट्रेटजी (LONG STRANGLE STRATEGY) और दूसरा शॉर्ट स्टैंजल स्ट्रेटजी (SHORT STRANGLE STRATEGY), आइए दोनों की स्टैंजल स्ट्रेटजी को आसान भाषा में समझते हैं।
4.1 LONG STRANGLE STRATEGY
जब मार्केट में उतार-चढ़ाव ज्यादा तेजी में हो यानी की मार्केट की गति ज्यादा तेजी हो, जैसा कि आरबीआई की पॉलिसी (RBI POLICY) आने वाली है या तो अमेरिका का फेड रिजर्व (FED RESERVE) की मीटिंग हो या कुछ इवेंट (EVENT) होने वाला हो । ऐसी स्थिति में मार्केट में उतार और चढ़ाव ज्यादा तेजी से होता है, तब हम लॉन्ग स्टैंजल स्ट्रेटजी का उपयोग करके ऑप्शन ट्रेडिंग (OPTION TRADING) में पैसा कमाया जा सकता है, लेकिन मार्केट में तेजी ना हो तो यह लॉन्ग स्टैंजल स्ट्रेटजी बहुत ही नुकसानदायक होती है और मुनाफा कुछ भी देखने को नहीं मिलता है। इस स्ट्रेटजी का उपयोग एक्सपायरी (WEEKLY EXPIRY) के दिन आखिरी समय में हीरो जीरो ट्रेड (HERO ZERO TRADE) में भी उपयोग किया जाता है। जहां पर यह मान लिया जाता है, कि अगर नुकसान होगा तो पूरा जीरो होगा लेकिन मुनाफा होगा तो 3 से 4 गुना होगा।
लॉन्ग स्टैंजल स्ट्रेटजी बनाने के लिए यह बातें जरूर याद रखें।
1 यह स्ट्रेटजी तभी उपयोग करना है, जब मार्केट में कुछ उथल-पुथल होने वाला हो, जिसे हमें यह ज्ञात ना हो कि मार्केट ऊपर जा सकता है या मार्केट नीचे जा सकता है।
2 दो ऑप्शन में से एक कॉल (CE) ऑप्शन और एक पुट(PE) ऑप्शन होता है, जिसमें दोनों में खरीदारी करनी है।
3 दोनों ही ऑप्शन की एक्सपायरी एक ही होना चाहिए।
4 दोनों ही ऑप्शन निफ्टी है तो निफ्टी का, अगर बैंक निफ़्टी का है तो बैंक निफ़्टी का ही होना चाहिए।
5 दोनों ही ऑप्शन की कीमत लगभग एक बराबर होना चाहिए।
6 यह स्ट्रेटजी का उपयोग एक्सपायरी के दिन आखिरी समय में हीरो जीरो ट्रेड करने में उपयोग किया जा सकता है, जहां पर नुकसान होगा तो छोटा सा होगा लेकिन मुनाफा होगा तो 3 से 4 गुना मुनाफा होगा।
उदाहरण के लिए एक्सपायरी के दिन आखिरी समय में निफ़्टी जहां पर ट्रेड कर रहा है, जैसा कि निफ्टी 17800 पर ट्रेड हो रहा है, तो 17800 का कॉल ऑप्शन और 17800 का पुट ऑप्शन की कीमत लगभग ₹15 से ₹20 होगी। तो यहां पर दोनों ही ऑप्शन को एक साथ खरीदारी कर लेनी है, अगर निफ्टी में 100 से 120 पॉइंट का चाल (MOVEMENT) आता है, तो ₹15 से ₹20 वाला कोई एक ऑप्शन की कीमत ₹100 पहुंच जाएगी। जहां पर मुनाफा लगभग 4 से 5 गुना होगा। उसी प्रकार से बैंक निफ़्टी जहां पर ट्रेड हो रहा है, उसका कॉल और पुट ऑप्शन लगभग ₹40 से ₹45 होगा। अगर बैंक निफ्टी में 200 से 250 पॉइंट का चाल (MOVEMENT) आ जाता है, तो उस ऑप्शन की कीमत 150 से 200 पॉइंट होंगे। जहां पर 4 से 5 गुना मुनाफा होगा, लेकिन अगर ऐसा चाल (MOVEMENT) नहीं आता है, तो हमें थोड़ा सा ही नुकसान होगा। जैसा के निफ्टी में कुल 35 से 40 पॉइंट में कुल 80 से 85 पॉइंट, इसलिए इस स्ट्रेटजी में अपने कुल कैपिटल का 10 से 15% ही उपयोग करना चाहिए।
NOTE:- जैसा कि ऊपर बताया गया है कि यह स्ट्रेटजी एक्सपायरी के दिन आखिरी समय में या किसी इवेंट डे में उपयोग किया जाता है इसलिए इसका ऑप्शन चैन में अभी नहीं बताया जा सकता है लेकिन आप एक्सपायरी के दिन जरूर एनालिसिस करें।
4.2 SHORT STRANGLE STRATEGY
शॉर्ट स्टैंजल स्ट्रेटजी (SHORT STRANGLE STRATEGY) आउट द मनी कॉल और पुट ऑप्शन (OUT THE MONEY CALL & PUT OPTION) में बिकवाली करके पैसा कमाया जाता है। यह स्ट्रेटजी लगभग 70 से 80% मुनाफा निकाल कर देती है, अगर स्ट्रेटजी को कुछ इवेंट डे (EVENT DAY) हटाकर बाकी सामान्य दिन में ट्रेड किया जाए, तो बहुत अच्छा मुनाफा बना कर देती है। अगर कभी स्टॉपलॉस हिट होता है, तो स्टॉपलॉस फॉलो करना जरूरी है। जिससे हम यह स्ट्रेटजी का उपयोग करके ऑप्शन ट्रेडिंग में 1 साल के अंदर 50 से 70% का मुनाफा निकाल सकते हैं। इस प्रकार से आउट द मनी कॉल और पुट ऑप्शन में बिकवाली कर प्रॉफिट कमाए जाने वाले स्ट्रेटजी को शॉर्ट स्टैंजल स्ट्रेटजी (SHORT STRANGLE STRATEGY) कहां जाता है।
लॉन्ग स्टैंजल स्ट्रेटजी बनाने के लिए यह बातें जरूर याद रखें।
1 दो ऑप्शन में से एक कॉल (CE) ऑप्शन और एक पुट(PE) ऑप्शन होता है, जिसमें दोनों में खरीदारी करनी है।
2 दोनों ही ऑप्शन की एक्सपायरी एक ही होना चाहिए।
3 दोनों ही ऑप्शन निफ्टी है तो निफ्टी का, अगर बैंक निफ़्टी का है तो बैंक निफ़्टी का ही होना चाहिए।
4 दोनों ही ऑप्शन की कीमत लगभग एक बराबर होना चाहिए।
5 यह स्ट्रेटजी का उपयोग एक्सपायरी के दिन सुबह समय 09:20 से 09:30 में उपयोग किया जा सकता है, जहां पर ऑप्शन की कीमत कम होती है और मार्केट में गति न होने की वजह से एक्सपायरी में उसकी कीमत जीरो हो जाती है और ऑप्शन बिकवाली करने वाले को प्रॉफिट होता है।
आइए ऑप्शन चैन की सहायता से समझते हैं यह किस प्रकार से काम करता है?
जैसा कि ऊपर ऑप्शन चैन में दिखाया गया है, आज मंगलवार को फिन निफ्टी (FINNIFTY) का वीकली एक्सपायरी था, जहां पर फिन निफ्टी के अंदर एक रेंज में ट्रेड होता हुआ दिखाई दिया, जिसकी वजह से आउट द मनी कॉल ऑप्शन और आउट द मनी पुट ऑप्शन की कीमत जीरो (ZERO) हो गई।
इसी प्रकार से हम किसी ऐसे स्टॉक में शॉर्ट स्टैंजल पोजीशन बना सकते हैं, जिसमें और स्टॉक की गति ज्यादा ना हो और वह स्टॉक उसी रेंज में रहे, ताकि आउट द मनी कॉल ऑप्शन और आउट द मनी पुट ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाए।
फिन निफ्टी जैसा कि ऊपर दिखाया गया है, 18350 के ऊपर बंद हुआ है, जिसे 18350 के ऊपर की जितने भी आउट द मनी कॉल ऑप्शन जीरो हो गया और 18350 के नीचे रिपोर्ट ऑप्शन भी जीरो हो गया। तो वहां पर हमें सुबह के समय वीकली एक्सपायरी निफ्टी (NIFTY) और फिन निफ्टी (FIN NIFTY) 100 से 150 पॉइंट आउट द मनी कॉल और पुट ऑप्शन में बिकवाली कर देना चाहिए। अगर मार्केट उसी रेंज में बंद हो गया तो दोनों ही ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी और हमें दोनों तरफ मुनाफा मिल जाएगा। अगर किसी एक तरफ तेजी से जाता है, तो विपरीत दिशा में जीतने का ऑप्शन बचा हुआ है, उतना ही हमें स्टॉप लॉस लेकर बाहर निकल जाना चाहिए।
तभी यह स्ट्रेटजी में लगातार प्रॉफिट बनाया जा सकता है।
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 18450 CALL @39
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 18250 PUT @29
TOTAL RECEIVED PREMIUM = 39+29
TOTAL PROFIT 68 POINT * (LOT SIZE 40)= 2720
TOTAL LOSS =UNLIMITED (अगर स्टॉपलॉस नहीं लगाया तो)
स्थिति-1 अगर मार्केट में तेजी आती है तो और वह तेजी फिन निफ्टी को 18450 के ऊपर लेकर जाता है और 18500 के ऊपर एक्सपायरी में बंद हो जाता है, तो यहां पर लगभग हमें 20 से 25 पॉइंट का कॉल ऑप्शन में नुकसान होगा। लेकिन 18250 के पुट ऑप्शन से मात्र ₹29 का ही मुनाफा मिलेगा।
(यदि हमने स्टॉपलॉस नहीं लगाया तो, इसलिए स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही जरूरी है।)
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 18550 के लेवल पर बंद होता है, तो 18550-18450=100 पॉइंट होगा, जहां पर हमारा कॉल ऑप्शन की कीमत ₹39 है, तो उसकी भी कीमत हम घटा देंगे 100-39=61 पॉइंट का कॉल ऑप्शन से नुकसान होगा। लेकिन पुट ऑप्शन की कीमत पूरा ₹0 हो जाएगा, जिससे हम पूरा ₹29 फायदा होगा, तो इसे भी हमें नुकसान में से घटा देंगे 61-29=32 अब हमें कुल 32 पॉइंट का नुकसान होगा।
स्थिति-2 अगर मार्केट में मंदी देखने को मिलती है और मार्केट 18200 के नीचे जाता है, तो उतना ही हमें पुट ऑप्शन में नुकसान देखने को मिलेगा। अगर मार्केट 18100 के नीचे निकल जाता है, तो पुट ऑप्शन में 150 पॉइंट का नुकसान देखने को मिलेगा, लेकिन कॉल ऑप्शन में हमें मुनाफा होगा। यदि हमने स्टॉपलॉस नहीं लगाया तो, इसलिए स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही जरूरी है।
उदाहरण के लिए मार्केट एक्सपायरी में 18050 के लेवल पर बंद होता है, तो 18250-18100=150 पॉइंट्स होगा। जहां पर हमारा पुट ऑप्शन की कीमत ₹29 है, तो इसकी कीमत घटा देंगे 150-29=121 और कॉल ऑप्शन भी हमने बिकवाली की है, जिसकी कीमत ₹0 हो जाएगी, तो यह कीमत भी 121 में से घटा देंगे, 121-39=82 तो हमें कुल 82 पॉइंट का नुकसान होगा।
स्थिति-3 अगर मार्केट में तेजी देखने को नहीं मिलती है और ना ही मंदी देखने को मिलती है, जैसे कि हमने एनालिसिस के हिसाब से सोचा था, वैसा ही हुआ तब के केस में हमें ज्यादा फायदा होगा। तो जैसा कि होने वाला हमारा फायदा पहले से ही अनुमानित है, जो हमने बिकवाली करने में पैसा लगाया है, वही फायदा होगा। इसलिए यह स्ट्रेटजी मार्केट में तेजी या मंदी ना हो या तो वीकली एक्सपायरी का दिन हो, तभी उपयोग करना चाहिए।
उदाहरण के लिए अगर मार्केट के एक्सपायरी 18350 के आस पास होती है, तो कॉल और पुट दोनों ही ऑप्शन की कीमत ₹0 के आस-पास हो जाएगी। अगर मार्केट की एक्सपायरी 18350 से ऊपर की ओर 18450 या नीचे की ओर 18250 भी होती है तो भी हमें दोनों तरफ से पूरा मुनाफा मिलेगा।
(इसे और आसानी से समझने के लिए ऑप्शन ग्रीक्स जरूर पढ़िए जो मैंने बहुत अच्छे से समझाया हुआ है।)
शॉर्ट स्टैंजल स्ट्रेटजी (SHORT STRANGLE STRATEGY) बनाने के लिए कितने कैपिटल की जरूरत होगी?
जब भी हम किसी भी ऑप्शन में बिकवाली करते हैं, तो हमें ज्यादा पैसा देने की जरूरत होती है, तो यहां पर हमें शॉर्ट पोजीशन बनाने के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
शॉर्ट स्टैंजल पोजीशन (SHORT STRANGLE POSITION) बनाने के लिए हर एक लॉट में निफ्टी और फिन निफ़्टी के अंदर ₹100000 की जरूरत होती है और इसके विरुद्ध में अगली पोजीशन बनाने के लिए और ₹10000-20000 की जरूरत होगी।
उदाहरण के लिए अगर आपने एक लॉट कॉल ऑप्शन को बिकवाली किया है, तो ₹100000 की जरूरत होगी लेकिन जब पुट ऑप्शन को बिकवाली करेंगे तो सिर्फ ₹10000-20000 की जरूरत होगी, तो कुल यहां पर एक लॉट कॉल और पुट ऑप्शन के लिए ₹110000-120000 की जरूरत होगी।
5. IRON CONDOR OPTION TRADING STRATEGY
आयरन कॉन्डोर ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (IRON CONDOR OPTION TRADING STRATEGY) मार्केट स्थिर हो, ना तेजी देखने को मिल रही हो ना ही मंदी देखने को मिल रही हो, तब यह स्ट्रेटजी उपयोग किए जाती है। यह ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी शॉर्ट स्ट्रैडल (SHORT STRADDLE) और लॉन्ग स्टैंजल (LONG STRANGLE) को मिलाकर बनाया गया है, जो कि बहुत ही सुरक्षित ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है। इसमें होने वाला मुनाफा ज्यादा होता है, जबकि होने वाला नुकसान बहुत ही कम होता है।
आयरन कॉन्डोर ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (IRON CONDOR OPTION TRADING STRATEGY) में एक ही एक्सपायरी की, एक ही अंडर लाइन वैल्यू (UNDERLINE VALUE) की दो कॉल ऑप्शन और दो पुट ऑप्शन का उपयोग किया जाता है। सबसे पहले शॉर्ट स्ट्रैडल (SHORT STRADDLE) की पोजीशन बनाई जाती है, शॉर्ट स्ट्रैडल में एट द मनी (AT THE MONEY) कॉल और पुट ऑप्शन में बिकवाली कर दिया जाता है। उसके बाद लॉन्ग स्टैंजल (LONG STRANGLE) की पोजीशन बनाई जाती है, जिसमें आउट द मनी (OUT THE MONEY) कॉल और पुट ऑप्शन में खरीदारी कर लिया जाता है, ताकि किसी प्रकार से तेजी या मंदी आ जाए तो नुकसान ना हो और कॉल और पुट ऑप्शन जो बिकवाली किया गया है, उसमें मार्जिन कम से कम लगे।
(शॉर्ट स्ट्रैडल और लॉन्ग स्टैंजल किस प्रकार से बनाया जाता है, इसके लिए ऊपर बताया गया है एक बार जरूर देखें।)
ट्रेड करने से पहले, याद रखने वाले कुछ महत्वपूर्ण बातें:-
जो इंडेक्स में यह स्ट्रेटजी उपयोग करने वाले हैं या किसी स्टॉक में स्ट्रेटजी उपयोग करने वाले हैं, उसमें ज्यादा तेजी या मंदी नहीं होना चाहिए।
चारों ही ऑप्शन एक ही एक्सपायरी का होना चाहिए।
चारों ही ऑप्शन की क्वांटिटी (QUANTITY) सभी में बराबर होनी चाहिए, किसी में ज्यादा या किसी में कम नहीं होना चाहिए, तभी यह स्ट्रेटजी बराबर काम करेगी।
यह स्ट्रेटजी में पहले शॉर्ट स्ट्रैडल की पोजीशन बनेगी, उसके बाद लॉन्ग स्टैंजल की पोजीशन बनेगी और जब इससे बाहर निकलना होगा तो, भी पहले शॉर्ट स्ट्रैडल को पूरा करेंगे उसके बाद ही लॉन्ग स्टैंजल मैं बिकवाली करके बाहर निकलेंगे।
जैसा कि ऊपर बताया गया था, वैसा ही स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है, बैंक निफ़्टी 41600 का कॉल ऑप्शन और 41600 का पुट ऑप्शन दोनों एट द मनी है। जिसमें हमें बिकवाली करनी है और 42000 का कॉल ऑप्शन और 41000 का पुट ऑप्शन आउट द मनी है, जिसमें खरीदारी करनी है। ऐसा करने पर कुल मार्जिन सिर्फ ₹50000 ही लग रहा है।
CALCULATION
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 42000 CALL @129.85
(PAID PREMIUM) BUY POSITION = PREMIUM PRICE OF 41000 PUT @110
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 41600 CALL @286
(RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION = PREMIUM PRICE OF 41600 PUT @303
TOTAL (RECEIVED PREMIUM) SELL POSITION= 303+286= 589
TOTAL (PAID PREMIUM) BUY POSITION= 129.85+110=229.85
अगर मार्केट में ना ही तेजी आती है और ना ही मंदी आती है, तो कुल बिकवाली किया गया पोजीशन से 589 पॉइंट्स का मुनाफा होगा। लेकिन जिस में खरीदारी की गई है, उसमें भी 230 पॉइंट्स का नुकसान होगा और कुल मुनाफा 589-230= 350 पॉइंट्स के आसपास रहेगा। लेकिन मार्केट में बहुत ही कम ऐसा होता है कि मार्केट एट द मनी के पास ही बंद हो, ऐसी स्थिति में हम मान सकते हैं कि 300 से 350 पॉइंट्स के आसपास मुनाफा मिल सकता है। लेकिन अगर मार्केट में तेजी आ गई या मंदी आ गई तो, यह मुनाफा हमें नहीं देखने को मिलेगा बल्कि नुकसान होगा और होने वाला नुकसान भी बहुत कम होगा। क्योंकि हमने आउट द मनी कॉल और पुट ऑप्शन में खरीददारी किया हुआ है।
आयरन कॉन्डोर ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (IRON CONDOR OPTION TRADING STRATEGY) बनाने के लिए कितने कैपिटल की जरूरत होगी?
जैसा कि ऊपर स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है, यह पूरा शॉर्ट स्ट्रैडल और लॉन्ग स्टैंजल को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें बैंक निफ़्टी ऑप्शन में कम से कम ₹50000 निफ़्टी ऑप्शन में कम से कम ₹40000 की जरूरत होगी। लेकिन इस पोजीशन को बनाने के लिए शुरुआत में बैंक निफ़्टी के अंदर ₹175000 निफ्टी के अंदर ₹120000 की जरूरत होगी।
कबर्ड कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (COVERED CALL OPTION TRADING STRATEGY) एक रेंटल इनकम की तरह उपयोग किए जाने वाली स्ट्रेटजी है, जहां पर हर महीने 2 से 3% का मुनाफा कमाया जा सकता है। यह स्ट्रेटजी जो लोग एक बड़ी मात्रा के साथ स्टॉक में खरीदारी करते हैं और उस पोजीशन को सुरक्षा पूर्वक ट्रेड करने के लिए उस स्टॉक के कॉल ऑप्शन में बिकवाली कर देते हैं। जिससे स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं होती है, तो उसके कॉल ऑप्शन को बेचकर पैसा कमाया जाता है। अगर स्टॉक खरीदारी में हो या निफ़्टी, बैंक निफ़्टी ईटीएफ फंड (NIFTY BANKNIFTY ETF FUND) में खरीदारी किया हो, लेकिन मार्केट में गिरावट आ जाए तो भी यह स्ट्रेटजी का उपयोग करके मुनाफा कमाया जा सकता है। इस प्रकार से स्टॉक में खरीददारी कर उसके ही कॉल ऑप्शन को बिकवाली करके प्रॉफिट बनाना ही कबर्ड कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (COVERED CALL OPTION TRADING STRATEGY) कहलाता है।
आइए आसान भाषा में समझते हैं।
उदाहरण के तौर पर आपने रिलायंस का शेयर में खरीदारी कर ली जिसकी मात्रा ज्यादा है, जैसा कि 500 से 800 शेयर जिससे हमारा रिस्क भी ज्यादा होगा। इस रिस्क को बचाने के लिए अगर मार्केट में गिरावट आ जाए या रिलायंस के शेयर में बढ़ोतरी ना दिखे तो, यहां पर रिलायंस का ही कॉल ऑप्शन को शॉर्ट सेलिंग करके मुनाफा बनाया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले स्टॉक में फ्यूचर एंड ऑप्शन होना चाहिए, उसके बाद उस स्टॉक में खरीदारी कम से कम उतनी मात्रा होनी चाहिए, जितनी ऑप्शन की एक लॉट के अंदर मात्रा हो। तो यहां पर रिलायंस के फ्यूचर एंड ऑप्शन में लॉट साइज 250 है और अगर हमने 500 शेयर खरीद लिया है, तो 2 लॉट कॉल ऑप्शन एट द मनी (AT THE MONEY) में बिकवाली कर सकते हैं। अगर रिलायंस यहां से ऊपर नहीं गया या थोड़ी से गिरावट आ गई तो, एक्सपायरी में एट द मनी (AT THE MONEY) कॉल ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी और वहां से हमें मुनाफा मिल जाएगा।
इसके लिए कुछ बातें आपको याद रखनी होंगी।
1.जो स्टॉक में हम खरीदारी कर रहे हैं, उसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन होना चाहिए।
2. स्टॉक में तेजी ना हो या तो गिरावट में हो या ज्यादा मूवमेंट ना हो रहा हो।
3. अगर स्टॉक में तेजी आ जाए तो भी प्रॉफिट बना रहे, इसके लिए एट द मनी ऑप्शन या आउट द मनी ऑप्शन में ही बिकवाली करना चाहिए
4.फ्यूचर एंड ऑप्शन में जितना लॉट साइज है, उससे ज्यादा शेयर खरीदारी में होना चाहिए।
CALCULATION
6.
कबर्ड कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (COVERED CALL OPTION TRADING STRATEGY) एक रेंटल इनकम की तरह उपयोग किए जाने वाली स्ट्रेटजी है, जहां पर हर महीने 2 से 3% का मुनाफा कमाया जा सकता है। यह स्ट्रेटजी जो लोग एक बड़ी मात्रा के साथ स्टॉक में खरीदारी करते हैं और उस पोजीशन को सुरक्षा पूर्वक ट्रेड करने के लिए उस स्टॉक के कॉल ऑप्शन में बिकवाली कर देते हैं। जिससे स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं होती है, तो उसके कॉल ऑप्शन को बेचकर पैसा कमाया जाता है। अगर स्टॉक खरीदारी में हो या निफ़्टी, बैंक निफ़्टी ईटीएफ फंड (NIFTY BANKNIFTY ETF FUND) में खरीदारी किया हो, लेकिन मार्केट में गिरावट आ जाए तो भी यह स्ट्रेटजी का उपयोग करके मुनाफा कमाया जा सकता है। इस प्रकार से स्टॉक में खरीददारी कर उसके ही कॉल ऑप्शन को बिकवाली करके प्रॉफिट बनाना ही कबर्ड कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (COVERED CALL OPTION TRADING STRATEGY) कहलाता है।
आइए आसान भाषा में समझते हैं।
उदाहरण के तौर पर आपने रिलायंस का शेयर में खरीदारी कर ली जिसकी मात्रा ज्यादा है, जैसा कि 500 से 800 शेयर जिससे हमारा रिस्क भी ज्यादा होगा। इस रिस्क को बचाने के लिए अगर मार्केट में गिरावट आ जाए या रिलायंस के शेयर में बढ़ोतरी ना दिखे तो, यहां पर रिलायंस का ही कॉल ऑप्शन को शॉर्ट सेलिंग करके मुनाफा बनाया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले स्टॉक में फ्यूचर एंड ऑप्शन होना चाहिए, उसके बाद उस स्टॉक में खरीदारी कम से कम उतनी मात्रा होनी चाहिए, जितनी ऑप्शन की एक लॉट के अंदर मात्रा हो। तो यहां पर रिलायंस के फ्यूचर एंड ऑप्शन में लॉट साइज 250 है और अगर हमने 500 शेयर खरीद लिया है, तो 2 लॉट कॉल ऑप्शन एट द मनी (AT THE MONEY) में बिकवाली कर सकते हैं। अगर रिलायंस यहां से ऊपर नहीं गया या थोड़ी से गिरावट आ गई तो, एक्सपायरी में एट द मनी (AT THE MONEY) कॉल ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी और वहां से हमें मुनाफा मिल जाएगा।
इसके लिए कुछ बातें आपको याद रखनी होंगी।
1.जो स्टॉक में हम खरीदारी कर रहे हैं, उसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन होना चाहिए।
2. स्टॉक में तेजी ना हो या तो गिरावट में हो या ज्यादा मूवमेंट ना हो रहा हो।
3. अगर स्टॉक में तेजी आ जाए तो भी प्रॉफिट बना रहे, इसके लिए एट द मनी ऑप्शन या आउट द मनी ऑप्शन में ही बिकवाली करना चाहिए
4.फ्यूचर एंड ऑप्शन में जितना लॉट साइज है, उससे ज्यादा शेयर खरीदारी में होना चाहिए।
CALCULATION
कबर्ड कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (COVERED CALL OPTION TRADING STRATEGY) एक रेंटल इनकम की तरह उपयोग किए जाने वाली स्ट्रेटजी है, जहां पर हर महीने 2 से 3% का मुनाफा कमाया जा सकता है। यह स्ट्रेटजी जो लोग एक बड़ी मात्रा के साथ स्टॉक में खरीदारी करते हैं और उस पोजीशन को सुरक्षा पूर्वक ट्रेड करने के लिए उस स्टॉक के कॉल ऑप्शन में बिकवाली कर देते हैं। जिससे स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं होती है, तो उसके कॉल ऑप्शन को बेचकर पैसा कमाया जाता है। अगर स्टॉक खरीदारी में हो या निफ़्टी, बैंक निफ़्टी ईटीएफ फंड (NIFTY BANKNIFTY ETF FUND) में खरीदारी किया हो, लेकिन मार्केट में गिरावट आ जाए तो भी यह स्ट्रेटजी का उपयोग करके मुनाफा कमाया जा सकता है। इस प्रकार से स्टॉक में खरीददारी कर उसके ही कॉल ऑप्शन को बिकवाली करके प्रॉफिट बनाना ही कबर्ड कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (COVERED CALL OPTION TRADING STRATEGY) कहलाता है।
आइए आसान भाषा में समझते हैं।
उदाहरण के तौर पर आपने रिलायंस का शेयर में खरीदारी कर ली जिसकी मात्रा ज्यादा है, जैसा कि 500 से 800 शेयर जिससे हमारा रिस्क भी ज्यादा होगा। इस रिस्क को बचाने के लिए अगर मार्केट में गिरावट आ जाए या रिलायंस के शेयर में बढ़ोतरी ना दिखे तो, यहां पर रिलायंस का ही कॉल ऑप्शन को शॉर्ट सेलिंग करके मुनाफा बनाया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले स्टॉक में फ्यूचर एंड ऑप्शन होना चाहिए, उसके बाद उस स्टॉक में खरीदारी कम से कम उतनी मात्रा होनी चाहिए, जितनी ऑप्शन की एक लॉट के अंदर मात्रा हो। तो यहां पर रिलायंस के फ्यूचर एंड ऑप्शन में लॉट साइज 250 है और अगर हमने 500 शेयर खरीद लिया है, तो 2 लॉट कॉल ऑप्शन एट द मनी (AT THE MONEY) में बिकवाली कर सकते हैं। अगर रिलायंस यहां से ऊपर नहीं गया या थोड़ी से गिरावट आ गई तो, एक्सपायरी में एट द मनी (AT THE MONEY) कॉल ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी और वहां से हमें मुनाफा मिल जाएगा।
इसके लिए कुछ बातें आपको याद रखनी होंगी।
1.जो स्टॉक में हम खरीदारी कर रहे हैं, उसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन होना चाहिए।
2. स्टॉक में तेजी ना हो या तो गिरावट में हो या ज्यादा मूवमेंट ना हो रहा हो।
3. अगर स्टॉक में तेजी आ जाए तो भी प्रॉफिट बना रहे, इसके लिए एट द मनी ऑप्शन या आउट द मनी ऑप्शन में ही बिकवाली करना चाहिए
4.फ्यूचर एंड ऑप्शन में जितना लॉट साइज है, उससे ज्यादा शेयर खरीदारी में होना चाहिए।
CALCULATION
आज का दिनांक 10 फरवरी 2023 के अनुसार ( केवल आपकी जानकारी के लिए)
रिलायंस शेयर की कीमत ₹2336
कुल शेयर की खरीदारी 500
कुल निवेश =2336×500= ₹116800
अगर मार्केट में गिरावट आती है या रिलायंस के शेयर में बढ़ोतरी नहीं होती है तो यहां पर अगले मार्च महीने का एट द मनी कॉल ऑप्शन जितना मेरे पास शेयर है, उतना लॉट साइज में कॉल ऑप्शन में बिकवाली कर दूंगा।
RELIANCE 2340 कॉल ऑप्शन में बिकवाली करूंगा, जिसकी कीमत ₹82 है, रिलायंस का लॉट साइज में 250 शेयर होते हैं, तो यहां पर 2 लॉट में बिकवाली हो जाएगी।
₹82×250×2=₹41000
स्थिति-1 अगर मार्केट में तेजी नहीं आती है और रिलायंस का शेयर ₹2340 के नीचे ही ट्रेडिंग कर रहा होता है, तो एक्सपायरी के पहले पहले एट द मनी कॉल ऑप्शन की कीमत बहुत ही कम हो जाएगी। एक्सपायरी तक भी ₹2340 के नीचे ट्रेड करता है, तो हमें दो लॉट पर ₹41000 का प्रॉफिट होगा।
स्थिति-2 अगर मार्केट में थोड़ी सी तेजी देखने को मिलती है और रिलायंस का शेयर 2340 से ऊपर जाता है, तो वहां पर कॉल ऑप्शन में थोड़ा-थोड़ा नुकसान दिखाई देगा। लेकिन हमें रिलायंस का शेयर खरीद कर रखा हुआ है, तो वहां से हमें मुनाफा मिलेगा और हमारे नुकसान को कवर करता रहेगा। अगर रिलायंस का शेयर एक्सपायरी के पहले 2390 पर बंद होता है, तो भी हमें मुनाफा मिलेगा आइए एक बार देख लेते हैं ।
रिलायंस शेयर की मात्रा 500
रिलायंस शेयर की खरीदारी कीमत 2336
रिलायंस शेयर की बढ़ोतरी कीमत 2390
कुल मुनाफा शेयर से =2390-2336=54×250×2= ₹27000
रिलायंस 2340 कॉल ऑप्शन की बिकवाली कीमत 82 दो लॉट
रिलायंस की बढ़ोतरी कीमत 2390
बचा हुआ कॉल ऑप्शन की प्रीमियम 2390-2340 = 50 दो लॉट
कुल मुनाफा =82-50=32 दो लॉट= 32×250×2= ₹26000
तो इस प्रकार से अगर रिलायंस के शेयर की कीमत थोड़ी सी ऊपर जाकर भी बंद होती है, एक्सपायरी के पहले तो हम रिलायंस के शेयर से ही ₹27000 प्रॉफिट कमाएंगे और साथ ही साथ एट द मनी कॉल ऑप्शन में बिकवाली करने पर प्रीमियम डीकेसी (TIME DECAY) को भी फायदा उठाकर ₹26000 मुनाफा कमाएंगे।
स्थिति-3 अगर मार्केट में ज्यादा तेजी आ जाती है और रिलायंस का शेयर की कीमत भी बढ़ जाती है जहां पर एक्सपायरी के पहले पहले 2500 तक पहुंच जाता है, तो भी हमें मुनाफा ही होगा यहां पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। क्योंकि हमें रिलायंस का शेयर में भी खरीदारी करके रखी है जिससे होने वाले नुकसान को पूरी तरह से कवर कर देगा तो आइए इसे भी समझते हैं।
रिलायंस शेयर की मात्रा 500
रिलायंस शेयर की खरीदारी कीमत 2336
रिलायंस शेयर की बढ़ोतरी कीमत 2500
कुल मुनाफा शेयर से =2500-2336=164×250×2= ₹82000
रिलायंस 2340 कॉल ऑप्शन की बिकवाली कीमत 82 दो लॉट
रिलायंस की बढ़ोतरी कीमत 2500
बचा हुआ कॉल ऑप्शन की प्रीमियम 2500-2340= 160 दो लॉट
कुल मुनाफा =82-144= -78 दो लॉट= -78 ×250×2= –₹39000
ऊपर जैसा की कैलकुलेशन में बताया गया है, कि रिलायंस में तेजी आ गई और रिलायंस 2500 के पास बंद हुआ। जिससे कॉल ऑप्शन में भी तेजी आ गई और ₹82 का कॉल ऑप्शन ₹160 पहुंच जाएगा। जिसमें दो लॉट पर हमें ₹39000 का नुकसान होगा, लेकिन हमें रिलायंस का शेयर भी 500 खरीददारी करके रखी है, जिसे ₹2336 से ₹2500 पहुंचेगी। जिसमें कुल ₹82000 का मुनाफा होगा और इस मुनाफे से ₹39000 घटा भी देता हूं, तो भी अंत में ₹43000 का मुनाफा ही रहेगा।
कबर्ड कॉल स्ट्रेटजी (COVERED CALL STRATEGY) बनाने के लिए कितने कैपिटल की जरूरत होगी?
कबर्ड कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनाने के लिए सबसे पहले स्टॉक में खरीदारी करनी पड़ेगी, जिसमें उस स्टॉक के फ्यूचर एंड ऑप्शन के लॉट साइज के बराबर ही खरीदारी करनी है। जिसमें कम से कम 6 से 7 लाख की जरूरत होगी और एक लॉट ऑप्शन को बिकवाली करने के लिए 1 से 2 लाख तक की जरूरत होगी। सभी स्टॉक की कीमत अलग-अलग होती है, जिससे उसकी लॉट साइज भी अलग-अलग होगी, जिसके कारण एक दम ही निश्चित कैपिटल बताना संभव नहीं है
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