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what is stop loss

Stop-loss क्या होता है? 

Stop-loss क्या होता है? 

Stop-loss लगाने से  शेयर मार्केट में लॉस होता है या स्टॉपलॉस लगाकर भी प्रॉफिट बनाया जाता है?

                      तो आइए इसे हम संक्षिप्त रूप से समझते हैं, स्टॉप लॉस (STOPLOSS) कैसे काम करता है और हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।

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शेयर मार्केट में एक ट्रेडिंग (TRADING) होती है और दूसरा इन्वेस्टिंग (INVETING) होता है, ट्रेडिंग करके हम बहुत कम समय में ज्यादा पैसा बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इन्वेस्टिंग से हम वेल्थ  बनाते हैं। लेकिन ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस (STOP LOSS) हमारे लिए बहुत ही जरूरी होता है, अगर हम स्टॉपलॉस नहीं लगाते हैं तो ट्रेडिंग में बड़ा लॉस का भी सामना करना पड़ सकता है।

 ट्रेडिंग स्टॉक में इंट्राडे, निफ़्टी, बैंक निफ़्टी के ऑप्शन में इंट्राडे या फ्यूचर ट्रेडिंग में इंट्राडे या कमोडिटी ट्रेडिंग में भी इंट्राडे का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। Stop-loss शेयर मार्केट में होने वाले बड़े से बड़े लॉस को बचाता है और साथ ही साथ स्टॉपलॉस का उपयोग करके कम से कम नुकसान में हम उस स्टॉक से बाहर निकल जाते हैं। जहां पर नुकसान कम होता है, लेकिन मुनाफा होने पर ज्यादा होता है, तो आइए Stop-loss  को संक्षिप्त रूप से हम समझते हैं। 

Stop-loss लगाने का तरीका:-

कोई एक कंपनी XYZ जिसकी कीमत ₹1000 है, जिसमें इंट्राडे ट्रेडिंग करना है, जहां पर ₹1000 में  शेयर खरीदेंगे और मुनाफा कमाने के लिए उस शेयर को ₹1010 या ₹1014-18 आने पर बेचेंगे। जैसा कि हमने एनालिसिस किया है, उसके अनुसार हुआ तो हमें मुनाफा होगा। लेकिन शेयर की कीमत ऊपर जाने की बजाएं नीचे आने लगेगा तो, हमें नुकसान होगा, अगर वह शेयर ₹1000 से  ₹990 या 985 या ₹980 भी आ जाता है, तो और भी ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए स्टॉपलॉस लगाना बहुत जरूरी है, ताकि होने वाले बड़े नुकसान से बचा जा सके, तो हमें स्टॉप लॉस ₹990 या ₹993 पर लगाएंगे। जिससे हमें नुकसान उतना ही हो, जितनी हमारी सहन क्षमता है। क्योंकि हम मुनाफा भी ₹10 से ₹15 पॉइंट ही ले रहे हैं, तो यहां पर हमें अपने होने वाले मुनाफा से ज्यादा स्टॉपलॉस नहीं लेना चाहिए। 

नए ट्रेडर के लिए होने वाली गलती का उदाहरण-1

        कोई एक नया ट्रेडर कोई शेयर ₹1000 में खरीदता है, कि ₹1010 जाएगा और ₹1010 आते ही वह मुनाफा कमा लेता है। अगले दिन फिर से किसी ने शेयर में खरीदारी करता है, कि टारगेट आने पर मुनाफा कमा लूंगा। लेकिन मुनाफा आने की बजाय उसे नुकसान होने लगता है और वह स्टॉप लॉस नहीं लगाता, कि शेयर ऊपर जाएगा। लेकिन शेयर ऊपर नहीं जाता ₹10 नुकसान में चलते रहता है और यही सोचता है, कि मार्केट बंद होने के पहले इंट्राडे में ऊपर जाएगा। लेकिन उसे धीरे-धीरे ₹20 का नुकसान हो जाता है, तो इस प्रकार से मुनाफा उसने सिर्फ ₹10 कमाया, लेकिन स्टॉपलॉस ना लगाने की वजह से उसने ₹20 का नुकसान किया, तो इस प्रकार से स्टॉपलॉस नहीं लगाने पर एक बड़ा नुकसान हो जाता है।

नए ट्रेडर के लिए  होने वाली गलती का उदाहरण-2 

 अक्सर NIFTY और BANKNIFTY Option में ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर नुकसान करते हैं।

जैसा कि कोई एक ट्रेडर BANKNIFTY का ऑप्शन ₹300 में खरीदारी करता है, कि यह 350 जाएगा और ₹350 जाने पर मुनाफा कमा लेता है। अगले दिन फिर से किसी ऑप्शन में ट्रेडिंग करता है, जहां पर ₹300 का खरीदारी करता है और वह ऑप्शन ₹240 आने पर उसमें और खरीदारी कर लेता है, जिससे उसकी खरीदारी कीमत कम हो जाती है, लेकिन ऑप्शन की कीमत बढ़ जाने पर फिर से मुनाफा कमा लेता है, जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ जाता है और अगली बार फिर से वह वही प्रक्रिया करता है।अगली बार वहीं ट्रेडर ₹300 में ऑप्शन में खरीदारी करता है और वह ऑप्शन ₹240 आने पर और खरीदारी कर लेता है, ₹180 आने पर और खरीदारी कर लेता है, जहां पर वह स्टॉपलॉस बिल्कुल भी उपयोग नहीं करता और गलती से उस ऑप्शन में पैसा कमा लेता है, जिससे उसका आत्मविश्वास बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, यहीं से ऑप्शन ट्रेडर की बर्बादी प्रारंभ हो जाती है।

अब अगली बार वही ऑप्शन ट्रेडर ₹300 में ऑप्शन में खरीदारी करता है और वह ऑप्शन 240 आने पर और खरीदारी कर लेता है, ₹180 आने पर और खरीदारी कर लेता है और धीरे-धीरे ऑप्शन की कीमत घटकर ₹100 आ जाती है और जितना पैसा होता है, उस सभी पैसे को नीचे के लेवल पर खरीद खरीद कर औसत  कर लेता है। अंतिम में ऑप्शन की कीमत ZERO हो जाती है, जहां पर पूरे पैसे बर्बाद हो जाते हैं, यहां पर सिर्फ एक गलती है, जो कि स्टॉप लॉस नहीं लगाया गया। इसलिए कभी भी ऑप्शन में आवश्यक नहीं करना चाहिए, बल्कि स्टॉपलॉस लगाकर पोजीशन से बाहर निकल जाना चाहिए।

तो दोस्तों  इस प्रकार से ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर अगर स्टॉप लॉस नहीं लगाया गया तो एक बड़ा नुकसान हो सकता है, जहां पर औसत करना और भी ज्यादा बर्बादी का कारण होता है।

Stop-loss निफ़्टी और बैंक निफ़्टी के ऑप्शन में कितने रुपए का लेना चाहिए?

 Stop-loss लेने के 2 तरीके होते हैं।

1  प्रतिदिन का हमें मुनाफा और नुकसान पहले से तय कर लेना चाहिए, कि हम कितने रुपए का फायदा रहना चाहते हैं और कितने रुपए का नुकसान कर सकते हैं, उस क्षमता से ज्यादा का नुकसान नहीं लेना चाहिए।

2  निफ़्टी और बैंक निफ़्टी की ऑप्शन के अंदर हमें पॉइंट कैलकुलेशन कर लेना चाहिए, जैसा कि निफ्टी के ऑप्शन में 20 से 25 पॉइंट का नुकसान से ज्यादा नहीं लेना है। उसी प्रकार बैंक निफ़्टी के अंदर 35 से 40 पॉइंट का नुकसान से ज्यादा नहीं लेना है और मुनाफा होता है, तो होने वाले नुकसान से मुनाफा ज्यादा कमाना है, तभी आप शेयर मार्केट से पैसा कमा पाएंगे।

 Trailing stop-loss कैसे उपयोग करना है?

Trailing stop-loss का उपयोग इंट्राडे स्टॉक,  निफ़्टी और बैंक निफ़्टी ऑप्शन  सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है।

 यहां पर आपको दो उदाहरण देकर बताता हूं।

1  अगर आप निफ़्टी और निफ़्टी बैंक के ऑप्शन में 2 लॉट या दो लॉट से अधिक से ट्रेडिंग कर रहे हैं,  तो Trailing stop-loss  बहुत अच्छे से उपयोग किया जा सकता है।

      कोई एक ट्रेडर निफ़्टी बैंक का ऑप्शन ₹300 में खरीदारी  करता  है, जिसका टारगेट ₹350 और ₹400 हैं और उसका स्टॉप लॉस ₹250 हैं। वह ऑप्शन की कीमत ₹360 पहुंच जाती है, जहां पर वह 360 के आसपास एक लॉट (LOT) पर मुनाफा कमा लेता है। बाकी एक लॉट के लिए टारगेट ₹400 कर देता है और स्टॉपलॉस को बदलकर भी ₹300 कर देता है। जहां पर उसका रिस्क जीरो, टारगेट अगले 40 पॉइंट के लिए हो जाता है। अगर वह ऑप्शन ₹360 से ₹300 भी आता है, तो हम पहले से ही एक लॉट (LOT) पर मुनाफा कमा चुके होते हैं और एक लॉट पर ₹300 का स्टॉपलॉस लेते हैं। जहां पर हमें कोई अलग से नुकसान नहीं होता और हम मुनाफे में ही रहते हैं। अगर वह ऑप्शन ₹400 पहुंच जाता है, तो हम दूसरा वाला 1 लॉट (LOT) से भी मुनाफा कमाएंगे, तो एक प्रकार से ट्रेलिंग स्टॉप लॉस काम करता है।

2  अगर आप निफ़्टी और निफ़्टी बैंक के ऑप्शन में 1 लॉट से ही ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो भी आप Trailing stop-loss उपयोग कर सकते हैं। जैसा कि आप ₹300 का ऑप्शन खरीदारी करते हैं, जिसका टारगेट ₹350 और ₹₹400 हैं और उसका स्टॉप लॉस ₹250 हैं। वह ₹360 पहुंच जाता है, लेकिन आपको ₹400 में मुनाफा कमाना है, तो वहां पर वर्तमान कीमत के अनुसार आपका स्टॉप लॉस ₹250 से ₹300 बदल देना चाहिए। जिससे ऑप्शन की कीमत कम होने पर ₹300 आते ही अपनी पोजीशन को बंद कर सकते हैं। जिससे आपका होने वाला नुकसान या रिस्क 0 जाएगा, लेकिन ₹400 टारगेट हिट होने पर आपको पूरे 100 पॉइंट मिलेंगे। इस प्रकार से ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग करके अपने प्रॉफिट को बहुत बढ़िया बना सकते हैं और होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। 

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